कोरोना का कहर, देश के दस राज्य में ही कोरोना के 84 प्रतिशत केस
नई दिल्ली। देश में कोरोना के 84 प्रतिशत मरीज तो 10 राज्यों में ही है। इन राज्यों में मौत के आंकड़ें डरा रहे हैं। पूरे देश के मौत के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि 95 प्रतिशत मौतें इन 10 राज्यों में ही हुई है। भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या ढाई लाख के करीब पहुंचने वाली है। स्पेन को पीछे छोड़ते हुए भारत अब उन देशों की सूची में 5वें नंबर पर हैं जहां कोरोना के सबसे ज्यादा केस हैं। ये 10 राज्य हैं- महाराष्ट्र,तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और बिहार।
जो 10 राज्य ऊपर बताए गए हैं, वहां पर कोरोना के दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 6,300 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है। महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल और मध्यप्रदेश का केस‑फैटलिटी रेट हाई (4 से 6 प्रतिशत के बीच) है। यानी यहां प्रति 100 मामलों पर मरने वालों की संख्या बाकी राज्यों से ज्यादा है। तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक का फैटलिटी रेट 3% से कम है।
आंकड़े यह भी शो करते हैं कि ज्यादा टेस्ट करने का कनेक्शन ज्यादा केसेज या ज्यादा मौतों से हो, ऐसा जरूरी नहीं। दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने इसी क्रम में प्रति 10 लाख आबादी पर सबसे ज्यादा टेस्ट किए हैं। हालांकि अगर प्रति 10 लाख आबादी पर कन्फर्म केसेज की बात करें तो यह क्रम बदलकर दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान हो जाता है।
महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश और बंगाल से सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। 6 जून तक देश में 6,650 मौतें हुई थीं जिनमें से 83 प्रतिशत मृतक इन्हीं पांच राज्यों से हैं। अगर केसेज के आधार पर मौतों का आंकड़ा देखें तो टाप‑5 राज्यों में क्रमश: गुजरात, पश्चिम बंगाल, एमपी, महाराष्ट्र और दिल्ली आते हैं। यानी टेस्ट, कन्फर्म केसेज की संख्या और फैटलिटी रेट के आधार पर राज्यों का क्रम बदलता है।
देश की राजधानी में कोरोना का प्रकोप अब भयावह स्थिति में पहुंच रहा है। दिल्ली में सबसे ज्यादा टेस्टिंग हो रही है और यहीं पर प्रति 100 टेस्ट्स पर कन्फर्म केसेज आने की दर बहुत ज्यादा है। 7 मई से 21 मई के बीच जहां प्रति 100 मामलों पर 7% पॉजिटिव केस थे, वहीं 19 मई से 1 जून के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 14% पर पहुंच गया। फिलहाल प्रति 100 टेस्ट पर कन्फर्म केस मिलने की दर 25% के पार हो गई है। देश की बात करें तो महाराष्ट्र का पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा है मगर वह धीरे-धीरे नीचे आ रहा है।