सूर्य ग्रहण 21 जूनः क्या कोरोना महामारी से निजात दिलाएगा ग्रहण, जानिए ज्योतिषियों की राय

हरिद्वार । कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दुनिया भर में कोरोना वायरस लोगाें पर कहर बनकर टूट रहा है। दुनिया भर के लोग कोरोना वायरस से मुक्ति की आस लगाए बैठे हैं। मगर यह मुक्ति कब तक मिलेगी किसी को नहीं पता। हालांकि ज्योतिषियों की मानें तो कोरोना से मुक्ति अभी जल्द नहीं मिलने वाली है। ज्योतिषी बताते हैं कि 21 जून को लगाने वाला सूर्य ग्रहण दुनिया को इस महामारी से निजात दिला सकता है। यानी आने वाला सूर्य ग्रहण महामारी का विनाश करने वाला होगा और यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। इसके साथ ही पाकिस्तान, नेपाल, भूटान पर भी इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा।

दुनिया भर में कोरोना वायारस के प्रकोप को चार माह से अधिक का वक्त हो गया है। कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 26 दिसम्बर, 2019 को सूर्य ग्रहण पड़ा। कहा जाता है जो शीत ऋतु के दौरान सूर्य ग्रहण पड़ता है तो वह महामारी को जन्म देने वाला होता है। जो आषाढ़ मास की अमावस्या पर सूर्य ग्रहण पड़ता है, वह महामारी का विनाश करने वाला होता है। छह महीने के अंदर दो सूर्य ग्रहण पड़ रहे हैं।

21 जून को जो सूर्य ग्रहण पड़ रहा है यह पूरे भारत में दिखाई देगा। जो 26 तारीख को सूर्य ग्रहण पड़ा था वह धनु राशि में था और अब यह सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में पड़ रहा है। इन दोनों की राशि सातवें भाव में पढ़ती है। यह 7 का अंक महामारी का नाश करने वाला होगा और 6 महीने के अंदर यह महामारी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। उनका कहना है कि पिछले साल जब 26 दिसम्बर को षष्ठ ग्रही योग बना था तभी से इस महामारी का जन्म हो गया था। अब 21 जून रविवार को पड़ने वाले ग्रहण को चंद्रचूड़ ग्रहण कहा जाता है। यह मिथुन राशि पर है। इसलिए इस राशि वालों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण का असर पूरी पृथ्वी पर पड़ता है। जहां-जहां इसका असर पड़ेगा, वहां से यह महामारी खत्म हो जाएगी।

ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि 21 जून का सूर्य ग्रहण महामारी का अंत तो करेगा मगर सामाजिक विषमताएं बढ़ेंगी। ज्योतिषी डॉक्टर प्रदीप जोशी का कहना है कि 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होगा। ग्रहण का मोक्ष काल दोपहर 1 बजकर 51 मिनट पर होगा। यह कण-कण सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस बार रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ने की वजह से इसको चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है। इस ग्रहण का विशेष महत्व होता है।

उन्होंने बताया कि मिथुन राशि वालों के लिए यह नुकसानदायक होगा। इस राशि वालों को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए। 26 दिसम्बर को जब सूर्य ग्रहण पड़ा था तब सूर्यग्रहण महामारी लेकर आया था। मगर 21 तारीख को पड़ रहा सूर्यग्रहण इस महामारी से निजात दिलाएगा। क्योंकि भारत की राशि पर यह सातवें स्थान पर है। इसलिए यह ग्रहण सामाजिक रूप से तो नुकसानदायक होगा मगर महामारी का अंत करने वाला होगा। इसके साथ ही आसपास के देश पाकिस्तान, नेपाल और भूटान में दिखाई देगा और यहां पर भी इसी तरह का प्रभाव दिखाएगा।

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