गृह मंत्री के आश्वासन के बाद भी जारी नहीं हो रहा SI भर्ती का रिजल्ट
रायपुर। एसआई- प्लाटून कमांडर संवर्ग की भर्ती परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। करीब 6 वर्ष पहले शुरू हुई भर्ती की यह प्रक्रिय अब तक अटकी हुई है, जबकि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। केवल रिजल्ट जारी करना शेष है। डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा दो-दो बार अभ्यर्थियों को रिजल्ट 15 दिन के भीतर जारी करने का आश्वासन दे चुके हैं। वहीं, पुलिस मुख्यालय की तरफ से दावा किया जा रहा है कि रिजल्ट पूरी तरह तैयार है। बावजूद इसके रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अभ्यर्थी फिर एक बार हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। इस बार कोर्ट की अवमानना की यचिका दाखिल करने की तैयारी चल रही है।
बता दें कि भर्ती की प्रक्रिया निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को सितंबर के अंतिम सप्ताह में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने एसआई भर्ती का रिजल्ट नवरात्र के पहले जारी कर देने का दावा किया था। बताया गया कि पहले हाल ही में स्वीकृत 341 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाएगा। इसके अगले दिन 2018 की भर्ती का रिजल्ट जार कर दिया जाएगा। आज नवरात्र का दूसरा दिन हो गया, लेकिन अब तक रिजल्ट जारी किए जाने को लेकर कोई संकेत नहीं मिला है।
सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में अफसरशाही हावी है। यही वजह है कि गृह मंत्री विजय शर्मा के आश्वासन के बावजूद रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों ने सितंबर में अमरण अनशन किया था। इस दौरान अभ्यर्थी और उनके परिजनों ने सिविल लाइन स्थित गृह मंत्री शर्मा के बंगले का घेरा भी किया था। तब गृह मंत्री शर्मा उनके बीच पहुंचे और 15 दिन में रिजल्ट जारी करा देने का वादा किया। शर्मा के इसी वादे के बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एसआई भर्ती का रिजल्ट तैयार हो चुका है। यह तैयारी ऐसी है कि 5 मिनट के अंदर उसे जारी किया जा सकता। यह भी कहा जा रहा है कि अफसरों ने ही कुछ तकनीकी कारण बता कर रिजल्ट को रोक रखा है। अफसरों के अनुसार इस भर्ती में इतने कोर्ट केस हो गए हैं कि अब रिजल्ट जारी होने के बाद किसी तरह का विवाद खड़ा न हो इसे ध्यान में रखते हुए फाइनल रिजल्ट का अध्ययन किया जा रहा है। इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है।
एसआई- प्लाटून कमांडर भर्ती की यह प्रक्रिया डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2018 में शुरू हुई थी। भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हुई, इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आ गई। आवेदक प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार करते रहे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने भर्ती की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया। इसके बाद 2021 में नए पद शामिल करते हुए भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सितंबर में साक्षात्कार की प्रक्रिय पूरी हुई। रिजल्ट जारी होने से पहले विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। इसके बाद से मामला अटका हुआ है।