पति लापता, पुलिस ने कर दिया घर सील, बेघर हुई महिला के लिए समय से पहले खुला हाईकोर्ट का दरवाजा, IG को नोटिस
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की संवदेनशीलता समय-समय पर सामने आते रही है। अर्जेंट हियरिंग के मामले जब भी आए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्राथमिकता से ली और बेंच का गठन कर सुनवाई का निर्देश भी दिया। इसी तरह का एक मामला तीन अक्टूबर को आया। जब दुर्ग की एक महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के तहत मामले की सुनवाई की गुहार लगाई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे स्वीकार करते हुए रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को सुबह के वक्त डिवीजन बेंच का गठन करने और विधिवत काजलिस्ट जारी करने का निर्देश दिया। सुबह के वक्त चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई प्रारंभ हुई।
दुर्ग निवासी उषा कौर ने अपनी याचिका में पुलिस द्वारा सीलबंद किए गए घर का सील खोलवाने की गुहार लगाई। याचिकाकर्ता का कहना था कि जिस घर को पुलिस ने सील कर दिया है वहां वह अपने परिवार के साथ रहती हैं। घर में सील लगा होने के कारण वह और परिवार के सदस्य बेघर हो गए हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि पुलिस ने याचिकाकर्ता के आवास को बगैर जानकारी के सील कर दिया है। अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को यह भी जानकारी दी है कि याचिकाकर्ता के पति का नाम अन्य व्यक्तियों के साथ एक मामले में एफआईआर में दर्ज है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही याचिकाकर्ता के पति लापता हैं। कहीं कोई जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। आखिर वे हैं कहां और किस हाल में है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि जिस घर को पुलिस ने सील कर दिया है वहां याचिकाकर्ता अपने परिवार के साथ रहती है। वह उनका आवास है। याचिकाकर्ता के पति अब तक लापता हैं। उनकी परेशानी ऐसे ही बढ़ी हुई है। अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता ने 30.09.2024 को पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग को आवास गृह का सील खोलने और गुमशुदा पति की खोजबीन करने के लिए अभ्यावेदन भी दिया था, लेकिन आज तक उस पर निर्णय नहीं लिया गया है और मामला लंबित है।
अर्जेंट हियरिंग की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने आईजी दुर्ग को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का शीघ्र सुनवाई करने और इस पर निर्णय देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दुर्ग आईजी से संपर्क कर अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया।