अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी व धोखाधड़ी के मामले में मुंबई से दबोचे गए तीन आरोपी

भिलाई। दुर्ग रेंज स्तरीय सायबर थाना एवं दुर्ग पुलिस को अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी एवं धोखाधड़ी के तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। आरोपियों द्वारा भिलाई निवासी एक युवक को कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर विदेश में नौकरी दिलाने का दो लाख रुपए लेकर लोआस भेजा था। वहां पर युवक को सायबर फ्राड अर्थात स्कैम करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। काम गलत लगने पर युवक ने करने से इंकार कर दिया। इसके बाद किसी तरह वह भिलाई लौट आया और पुलिस को आपबीती सुनाकर रिपोर्ट दर्ज कराया।

पुलिस कंट्रोल रूम में आज इस मामले पर सीएसपी दुर्ग चिराग जैन ने पत्रकार वार्ता लिया। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी व धोखाधड़ी मामले में दुर्ग पुलिस की टीम ने मुंबई जाकर साजन शेख पिता शहजादा शेख (36 वर्ष) पता लक्ष्मी नगर लिंक रोड गुरुदास टावर 10 मंजिल कमरा नं. 1015 गोरेगांव पश्चिम, मुंबई एवं रफी खान उर्फ रफीक खान (42 वर्ष) पता कुर्ला कुरैशी नगर वर्मा सेल रेलवे लाईन उमरवाडा रूम नं. 19 मुम्बई सहित एक मुंबई निवासी महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से तीन नग मोबाइल फोन एवं व्यक्तियों को विदेश भेजने संबंधी दस्तावेज जब्त किया गया है। आरोपियों द्वारा प्रार्थी को लाओस में स्थित गोल्डन ट्राइंगल में गोल्डन लिंक सर्विस ट्रेड कंपनी में कम्प्यूटर आपरेटर की नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख रूपये की ठगी की गई।

भिलाई निवासी प्रार्थी ने सायबर रेंज थाना दुर्ग आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि लाओस में कम्प्युटर आपरेंटर के पद पर अधिक सैलरी में काम कराने का विज्ञापन दिखाकर 2 लाख प्राप्त कर धोखाधड़ी किया गया है। रिपोर्ट पर रेंज सायबर थाना दुर्ग में धारा 318 (4), 3(5) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में प्रार्थी से पुछताछ पर यह तथ्य भी सामने आया कि उसे लाओस में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर आरोपियों के द्वारा जहां भेजा गया था वहां पर जाने के बाद प्रार्थी को स्कैम करने कि ट्रेनिंग 2 दिन तक दिया गया। प्रार्थी द्वारा स्कैम करने से मना करने पर इनके एजेंट एडी अली और जैक के द्वारा एक कमरे में अपने साथ रखे थे। उसका भुगतान भी नहीं करना बताये जाने से प्रकरण में मानव तस्करी से संबंधित धारा 143 (2) बीएनएस जोड़ी गई है। अपराध की प्रकृति को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराकर डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू के नेतृत्व में विवेचना में लिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग चिराग जैन व एसडीओपी बालोद देवांश सिंह राठौर, श्रीमती शिल्पा साहू डीएसपी के नेतृत्व में आरोपी साजन शेख, रफीक उर्फ रफी एवं महिला आरोपी की पतासाजी हेतु सायबर थाना दुर्ग रेंज के द्वारा आरोपियों के संबध में तकनीकी साध्य, बैंक डिटेल एकत्र कर आरोपी का लोकेशन गोरेगांव मुम्बई एवं आसपास के क्षेत्र का होना पाया गया।

सीएसपी जैन ने बताया कि आरोपी के पतासाजी हेतु देवांश सिंह राठौर एसडीओपी बालोद के नेतृत्व में उप निरीक्षक नवीन राजपूत के साथ सायबर थाना दुर्ग रेंज से 5 सदस्यीय विशेष टीम बना कर मुम्बई रवाना किया गया। टीम द्वारा गोरेगांव मुम्बई जाकर आरोपियों के मोबाईल नंबर के लोकेशन एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियो की पहचान करने टीम द्वारा कैम्प किया गया तथा आरोपी द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए एवं अपनी पहचान छुपाने के लिए मुम्बई में अलग अलग लोकेशन बदल कर रह रहे थे। आरोपी साजन शेख एवं रफीक उर्फ रफी को गोरेगांव मुम्बई से रेल्वे स्टेशन भीड़ भाड़ इलाके से दो दिनों तक सतत निगरानी रखकर घेराबंदी कर पकड़ा गया तथा प्रकरण की अन्य महिला आरोपी के घर में छुपा कर रखे थे। जहां से काफी परेशानियों से स्थानीय पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया एवं थाना गोरेगांव पश्चिम में लाकर गिरफ्तार किया गया। टीम द्वारा स्थानीय थाना गोरेगांव पश्चिम मुम्बई से मदद लेकर रेड कार्यवाही कर आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त 3 नग मोबाईल जप्त किया गया है एवं आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।