नहीं रहे उद्योगपति रतन टाटा, आज शाम अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री श्री साय ने निधन पर किया शोक व्यक्त

ratan tata

Ratan Tata: देश के शीर्ष उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। देर रात उनका निधन हो गया। 2 दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बुधवार की शाम से ही उनकी हालत बिगड़ने लगी थी। उनकी स्थिति की जानकारी मिलने पर रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष मुकेश अंबानी भी अस्पताल पहुंचे थे। देर रात 11:30 बजे उनका निधन हो गया। रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत क्रिकेटर्स और फिल्म स्टार तथा उद्योगपतियों ने अपनी संवेदनाएं प्रकट की है। आज राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

देश के शीर्ष उद्योपति माने जाने वाले रतन टाटा ने 86 वर्ष की उम्र में अपना दम तोड़। मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा रहें। जिसके बाद वे टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन है। वित्तीय वर्ष 2023–24 में 13 लाख 85 हजार करोड़ रुपए के राजस्व के साथ टाटा ग्रुप दुनिया के बड़े उद्योग घरानों में से एक था। टाटा का अध्यक्ष बनने के बाद रतन टाटा ने इसे आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया था। टाटा ग्रुप नमक बनाने से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने तक का काम करने लगा था। रतन टाटा के नेतृत्व में कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण भी हुआ था। आम आदमी की नब्ज पहचानने में माहिर रतन टाटा ने देश की सबसे सस्ती नैनो कार बनाई थी। रतन टाटा की कंपनी महंगी जगुआर कार भी बनाती थी। दुनिया के शीर्ष दानदाताओं में शुमार रतन टाटा ने अपनी 65 फ़ीसदी संपत्ति दान कर दी थी।

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सूनीकमिसारीट था। उन्हें दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था। सन 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार प्रदान किया गया था। 2 दिनों पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें बीपी लो की समस्या हो गई थी। हालांकि तब टाटा ने स्वयं बयान जारी कर कहा था कि अपनी उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों के लिए वह निमेष मेडिकल जांच करवाने आए हैं चिंता की कोई बात नहीं है मेरा मनोबल ऊंचा है। उन्होंने अपील की थी कि उनके स्वास्थ्य के संबंध में कोई अफवाह ना फैलाया जाए। सोमवार शाम से उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और देर रात 11:30 बजे उनका ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।

रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रतन टाटा स्वप्न दृष्टा कारोबारी, सहदृयी और असाधारण सख्शियत थे। उन्होंने देश के सबसे पुराने कारोबारी घराने में से एक को स्थाई नेतृत्व दिया है। उनके निधन से देश को अपूर्णीय क्षति पहुंची है।

वही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुप्रसिद्ध उद्योगपति, पद्म भूषण व पद्म विभूषण से सम्मानित श्री रतन टाटा जी के निधन को अत्यंत दुःखद बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है।

श्री साय ने कहा कि श्री रतन टाटा ने भारतीय उद्योग जगत को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, मानव कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में उनके योगदान को भारतवासी सदैव याद रखेंगे। उनका सादगी पूर्ण जीवन, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की भावना एक मिसाल थी। वह सदैव हमारी यादों में जीवित रहेंगे।

उनका निधन भारत और उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। देश और समाज में बेहतर बदलाव के लिए उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों, उनके शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की विनम्र प्रार्थना करता हूं।