टिकट रिजर्वेशन के नियम बदले, अब 4 नहीं 2 माह पहले होगा आरक्षण… रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश

भिलाई। ट्रेनों में यात्रा के लिए बनाए गए आरक्षण नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। यह बदलाव आरक्षण अवधि को लेकर किया गया। भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के लिए अग्रिम आरक्षण की अवधि यानी एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) को चार माह से घटाकर 2 माह कर दिया है। यानी अब यात्रा करने के लिए 60 दिन पहले आरक्षण करवा सकेंगे। 1 नवंबर से यह नया नियम लागू होगा। 31 अक्टूबर तक की गई बुंकिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेलवे बोर्ड द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।

रेलवे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 1 नवंबर से ट्रेनों में अग्रिम आरक्षण के लिए मौजूदा समय सीमा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी जाएगी। 1 नवंबर 2024 से एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) एआरपी 60 दिनों (यात्रा के दिन को छोड़कर) की होगी और बुकिंग उसी के अनुसार की जाएगी। 120 दिनों के एआरपी के तहत 31 अक्टूबर 2024 तक की गई सभी बुकिंग बरकरार रहेंगी। 60 दिनों के एआरपी से परे की गई बुकिंग को रद्द करने की अनुमति होगी। ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के लिए चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की समय सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

वर्तमान नियमों के तहत यात्री अपनी यात्रा की योजना बनाने के बाद 4 माह पहले की टिकट बुक करा लेते थे। संभवत: इसके कारण यात्रियों को दिक्कतें भी होने लेगी। बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड को इस संबंध कई सुझाव मिले। चार माह पहले की गई यात्री की प्लानिंग अक्सर समय आने पर कैंसिल हो जाती थी। वहीं चार माह पहले से बुकिंग विंडो खुलने से कुछ ही दिनों में वेटिंग लिस्ट सामने आ जाती थी। आखिरी समय में यात्रा कैंसिल होने पर कई सीटें खाली भी जाती थी जिसका नुकसान रेलवे को होता था। अग्रिम आरक्षण अवधि कम किए जाने से यह समस्या दूर होने की संभावना है। अचानक यात्रा का प्लान बनाने वालों को भी नए नियम का लाभ मिल सकता है।

इस निर्णय का उद्देश्य वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट की उपलब्धता में सुधार करना और रद्दीकरण और नो-शो की घटनाओं को कम करना है, जो आरक्षित बर्थ की बर्बादी का कारण बनती हैं। छोटी अग्रिम आरक्षण अवधि के साथ, यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बेहतर स्पष्टता मिलेगी, जिससे वर्तमान 21% रद्दीकरण दर में कमी आएगी। अग्रिम आरक्षण अवधि की इस महत्वपूर्ण नीति का अंतिम बार संशोधन 1 जनवरी 2015 को 60 दिनों से 120 दिनों तक किया गया था। अतीत में, 1 सितंबर 1995 से 31 जनवरी 1998 के दौरान, यह अवधि 30 दिनों तक कम थी।

यात्रा की अनिश्चितता के आधार पर, भारतीय रेलवे समय-समय पर अपनी अग्रिम आरक्षण अवधि नीति में बदलाव करता रहता है। नई नीति का उद्देश्य उन यात्रियों से निपटना है, जो बिना टिकट रद्द किए यात्रा नहीं करते, जिससे धोखाधड़ी और गलत पहचान की संभावना बढ़ जाती है। भारतीय रेलवे सभी यात्रियों से इस बदलाव से अवगत रहने और सुचारू यात्रा योजना सुनिश्चित करने के लिए संशोधित अग्रिम आरक्षण अवधि के भीतर जल्दी बुकिंग करने का आग्रह करता है। 60-दिन की बुकिंग विंडो टिकटों की जमाखोरी की संभावना को कम करने में मदद करेगी, जिससे वास्तविक यात्रियों के लिए अधिक टिकट उपलब्ध होंगे।