आतंकियों के साथ भी ऐसा सलूक नहीं किया जाता, ED पर क्यों बरस पड़ा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईडी को लोगों को कम समय में बुलाने, अगले दिन उनकी गिरफ्तारी से पहले उन्हें रात भर जगाए रखने के आरोपों की बाबत फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आतंकवादियों और जघन्य अपराधियों के साथ भी इस तरह का सलूक नहीं किया जाता है। इससे एजेंसी की ओर से अपनाई जा रही गिरफ्तारी और पूछताछ की प्रक्रिया के असंवैधानिक होने को लेकर संदेह पैदा होता है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा- यह अक्षम्य है। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। आप किसी से रात भर पूछताछ करें और अगले दिन उसे हिरासत में ले लें। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। अदालत सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें इस साल अप्रैल में छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
पीठ ने (जिसमें न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे) कहा- देखिए अधिकारी ने किस अन्यायपूर्ण तरीके से काम किया है। हम चाहते हैं कि अधिकारियों को हमारे सामने पेश किया जाए। अनिल टुटेजा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अंतरिम रिहाई की मांग की है। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा फिलहाल जेल में हैं। टुटेजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि यह हैरान करने वाली बात यह है कि यह तब हुआ जब खुद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल की गई अभियोजन शिकायत को खारिज कर दिया था। टुटेजा शीर्ष अदालत के सुरक्षात्मक आदेश के तहत एसीबी के समक्ष पेश हुए थे। उस अधिकारी का नाम आर. नरेश था जो टुटेजा को एसीबी कार्यालय से ले गया था जिसके बाद रात भर उनसे पूछताछ की गई थी।
पीठ ने कहा- जब आपको पता है कि एसीबी उनसे पूछताछ कर रही है, तो इतनी जल्दी क्यों थी। हम हर रोज सवाल करते हैं कि पीएमएलए का अनुपालन कैसे किया जा रहा है। अब हम ऐसी गिरफ्तारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से समन की टाइमिंग और एसीबी कार्यालय में रहने के दौरान टुटेजा को समन भेजने की वजहों के बारे में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत ने ईडी से उस स्रोत के बारे में बताने को कहा जिसने टुटेजा के एसीबी दफ्तर में मौजूद होने की सूचना दी थी।