रिटायर हो रहे जस्टिस गौतम भादुड़ी, सम्मान में होगा फेयरवेल

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस गौतम भादुड़ी 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। 9 व 10 को शनिवार व रविवार होने के कारण 8 नवंबर को उनके सम्मान में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय में फेयरवेल का आयोजन किया है। इस अवसर पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा,सभी जजों के अलावा रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व अधिवक्ताओं की मौजूदगी रहेगी।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल के कुजूर ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। जारी आदेश में आठ नवंबर को चीफ जस्टिस के कोर्ट रूम में दोपहर 3,30 बजे उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया है। समारोह के बाद परंपरा के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा उनको विदाई दी जाएगी|

रायपुर में ग्रहण की प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा

10 नवंबर 1962 को प्रसिद्ध वकील एसके भादुड़ी (पिता) और पी भादुड़ी (दादा) के परिवार में जन्मे। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा बंगाली कालीबाड़ी स्कूल, रायपुर में हुई और उसके बाद सेंट पॉल हायर सेकेंडरी स्कूल, रायपुर से माध्यमिक शिक्षा पूरी की। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर से बी.कॉम. और एलएलबी. की डिग्री ली। एलएलबी. में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वे उस सोसायटी से जुड़े थे जो रायपुर में तीन कॉलेज चलाती है, जिनके नाम दुर्गा कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज और अपने दादा द्वारा स्थापित लॉ कॉलेज। शैक्षिक सोसायटी और क्षेत्रीय सोसाइटियों के भी सदस्य थे।

वर्ष 1985 में शुरू की वकालत

वर्ष 1985 में वकालत की प्रैक्टिस में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ और तत्कालीन मध्य प्रदेश राज्य के अधिकार क्षेत्र के भीतर विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों और उच्च न्यायालय में वकालत की। वर्ष 2000 में बिलासपुर आए। सरकारी वकील के रूप में काम किया और उसके बाद बिलासपुर के महाधिवक्ता कार्यालय में उप महाधिवक्ता के रूप में पदोन्नत हुए और 2003 तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद निजी तौर पर प्रैक्टिस की। सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कंपनी, श्रम मामलों को निपटाया। सीबीआई के लिए स्थायी वकील रहे। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों – सेल, एनटीपीसी, बैंकों और कई निजी कॉर्पोरेट निकायों के लिए भी स्थायी वकील रहे।

16 सितंबर, 2013 को बने हाई कोर्ट जज

16 सितंबर, 2013 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 08 मार्च 2016 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 11 मार्च 2023 से 29 मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) का पदभार संभाला।