छत्तीसगढ़ में अभी सबसे अधिक साल बीज का हो रहा संग्रहण : अब तक 74 करोड़ रूपए का 2.84 लाख क्विंटल लघु वनोपज संग्रहित

संग्राहकों को भुगतान में न हो विलंब : वन मंत्री श्री अकबर

रायपुर, 24 जून 2020 छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। चालू सीजन के दौरान अब तक 73 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि के 2 लाख 84 हजार 182 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। अब तक संग्रहित लघु वनोपजों में से सबसे अधिक संग्रहण साल बीज का हुआ है। इसका निर्धारित लक्ष्य 2 लाख क्विंटल का तीन चौथाई से अधिक अर्थात् एक लाख 60 हजार 290 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है। आजीविका के लिए लघु वनोपजों के संग्रह पर निर्भर वनवासी परिवारों को इससे लगातार काम मिल रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी परिवारों के हित में 7 वनोपजों से बढ़ाकर 31 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी के निर्णय से इन परिवारों की आमदनी भी इस वर्ष बढ़ेगी। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने लघु वनोपजों के संग्राहकों को राशि के भुगतान में कतई विलंब न हो, इसका विशेष ध्यान रखने के लिए सख्त निर्देश दिए है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य में माह जून के प्रथम सप्ताह से शुरूआत हुए साल बीज के संग्रहण ने विशेष जोर पकड़ा और अब तक संग्रहित सभी लघु वनोपजों में से साल बीज का संग्रहण सर्वोच्च स्थान पर जा पहुंचा है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक 73 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि के 2 लाख 84 हजार 182 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। जिनमें से सबसे अधिक 32 करोड़ 6 लाख रूपए राशि के एक लाख 60 हजार 290 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हुआ है। गौरतलब है कि साल बीज का न्यूनतम समर्थन मूल्य 20 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक वन मंडलवार केशकाल में 9 करोड़ 43 लाख रूपए की राशि के 47 हजार 140 क्विंटल, दक्षिण कोण्डागांव में 6 करोड़ 93 लाख रूपए के 34 हजार 639 क्विंटल तथा जगदलपुर में 5 करोड़ 57 लाख रूपए के 27 हजार 838 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह गरियाबंद में 2 करोड़ 83 लाख रूपए के 14 हजार 160 क्विंटल, धमतरी में 2 करोड़ 26 लाख रूपए के 11 हजार 298 क्विंटल, जशपुर में एक करोड़ 50 लाख रूपए के 7 हजार 537 क्विंटल तथा नारायणपुर में 80 लाख रूपए के 3 हजार 979 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है।
वनमंडलवार धर्मजयगढ़ में 58 लाख रूपए के 2 हजार 923 क्विंटल, कांकेर में 39 लाख रूपए के एक हजार 938 क्विंटल, कवर्धा में 32 लाख रूपए के एक हजार 619 क्विंटल, सुकमा में 23 लाख रूपए के एक हजार 169 क्विंटल, खैरागढ़ में 20 लाख रूपए के एक हजार क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है। बलौदाबाजार में 12 लाख रूपए के 596 क्विंटल, रायगढ़ में 20 लाख रूपए के 987 क्विंटल, मरवाही में 11 लाख रूपए के 546 क्विंटल, पूर्व भानुप्रतापपुर में 10 लाख रूपए के 473 क्विंटल, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 9 लाख रूपए के 464 क्विंटल, कोरबा में 9 लाख रूपए के 433 क्विंटल, सरगुजा में 7 लाख रूपए के 368 क्विंटल, कटघोरा में 11 लाख रूपए के 527 क्विंटल, बिलासपुर में 10 लाख रूपए के 519 क्विंटल, महासमुंद में 2 लाख रूपए के 84 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 50 हजार रूपए के 25 क्विंटल, सूरजपुर में 14 हजार रूपए के 7 क्विंटल, कोरिया में 34 हजार रूपए की राशि के 17 क्विंटल साल बीज का संग्रहण हो चुका है।