अपोलो अस्पताल में आयुष्मान योजना नहीं: अपोलो पहुंच बिफरे विधायक ने कहा – छोड़ दे सरकारी जमीन पर बना अस्पताल
बिलासपुर। बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल अपोलो में आयुष्मान योजना से इलाज बंद कर दिया गया है। डायलिसिस जैसी अति महत्वपूर्ण सेवाओं से इलाज बंद करवाने के चलते आर्थिक रूप से अक्षम गंभीर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला तक जब इस बात की जानकारी पहुंची तो गुस्साए विधायक अपोलो हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने प्रबंधन से दो टूक कहा कि जब शासकीय योजनाएं इस अस्पताल में लागू नहीं हो सकती, शासकीय योजनाओं का फायदा यहां की जनता को नहीं मिल सकता तो शासकीय जमीन पर बने अपोलो अस्पताल को भी अस्पताल खाली कर देनी चाहिए। विधायक की नाराजगी देखकर अपोलो अस्पताल भी सरेंडर मोड में नजर आया और डायलिसिस की सेवा जारी रखने पर सहमति जताई।
संभाग का सबसे बड़ा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल अपोलो बेलतरा विधानसभा के लिंगियाडीह गांव में बना हुआ है। इस अस्पताल को शासकीय भूमि पर लीज लेकर बनाया गया है। अस्पताल में शासन की आयुष्मान योजना से मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। आयुष्मान योजना के तहत यहां मरीजों का ईलाज बंद है। इसके अलावा आयुष्मान योजना से अब डायलिसिस भी बंद कर दिया गया है। विधायक सुशांत शुक्ला को इसकी जानकारी लगने पर वह आज अपोलो अस्पताल पहुंचे। जहां अपोलो प्रबंधन पर जमकर नाराजगी जताते हुए सुशांत शुक्ला ने तत्काल आयुष्मान से ईलाज शुरू करने की बात कही। जिस पर अपोलो प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019 से आयुष्मान योजना के तहत किए गए ईलाज का फंड उन्हें नहीं मिला है। जिसके चलते आगे इलाज करना संभव नहीं होगा। जिस पर विधायक ने कहा कि इस बात के लिए आप लोगों ने प्रशासनिक और राजनैतिक स्तर पर कब तक पहल क्यों नहीं की है। मुझसे पहले भी यहां विधायक रहे हैं, सांसद रहे हैं, यहां के सांसद अब डिप्टी सीएम बन चुके हैं। केंद्रीय मंत्री भी बिलासपुर जिले से हैं आप लोगों को पत्राचार कर या व्यक्तिगत मुलाकात कर हमें अपनी परेशानियों से अवगत करवाना चाहिए। जिससे समय रहते हम भी यथोचित प्रयास कर सके और मरीज का कोई अहित न हो इस दिशा में सार्थक पहल कर सके।
ईलाज नहीं करने पर शासकीय जमीन छोड़ने की चेतावनी
विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि अपोलो अस्पताल मेरे विधानसभा में बना है, शासकीय भूमि पर बना है। यहां अपने नियमों के हिसाब से अपोलो नहीं चलेगा बल्कि शासन के नियमों के हिसाब से चलेगा। यदि शासकीय योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल सकता तो फिर सरकारी जमीन अपोलो को छोड़ देनी चाहिए। विधायक ने कहा कि अपोलो को जन प्रतिनिधियों से संवाद करनी चाहिए और अपनी समस्याओं से अवगत करवानी चाहिए। जिनसे हम उनकी मदद कर सकें। और अपोलो को भी डायलिसिस समेत अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ अपने अस्पताल में लागू करना चाहिए।
अपोलो से निकलते समय मीडिया से चर्चा करते हुए सुशांत शुक्ला ने कहा कि डायलिसिस समेत अन्य सुविधाएं बंद करने की जानकारी मिलने पर वे यहां आए है। प्रबंधन द्वारा आयुष्मान की अधीन रहते हुए इलाज में विसंगतियों की जानकारी उन्हें प्राप्त हो रही थी। जिसके चलते वे यहां आए हैं और डायलिसिस समेत आयुष्मान योजना लागू करने की बात कही है। ऐसा नहीं होने पर शासकीय जमीन और शासकीय बिल्डिंग छोड़ने की बात अपोलो प्रबंधन को कही है। डायलिसिस,आयुष्मान समेत शासकीय योजनाएं लागू नहीं होने पर मैं प्रशासन से अपोलो के खिलाफ कार्यवाही करने की अपील करूंगा और प्रदर्शन भी करूंगा। आयुष्मान योजना के तहत फंड नहीं मिलने की बात पर विधायक ने कहा कि मैं अपोलो प्रबंधन के साथ हर कदम पर सहयोगी बनकर खड़ा हूं बशर्ते अपोलों शासकीय योजनाओं को लागू करें।
विधायक सुशांत ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की असमानता या विसंगति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने अपोलो प्रबंधन को तत्काल आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस शुरू करने के निर्देश दिए हैं। डायलिसिस जैसी अत्यावश्यक सेवा आयुष्मान योजना के तहत कभी भी बंद नहीं करने को लेकर कड़ी चेतावनी जारी करते हुए आयुष्मान योजना से डायलिसिस बंद करने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी अपोलो प्रबंधन को कलेक्टर ने दी है।