हाई कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री से कहा- स्कूल व सार्वजनिक जगहों पर ना बिके नशे का सामान, राज्य सरकार करे पुख्ता प्रबंध
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने चीफ सिकरेट्री से दोटूक कहा कि प्रदेश के स्कूलों व सार्वजनिक जगहों पर नशे के सामान की बिक्री किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए। कोटापा एक्ट में दिए गए प्रावधानों का कड़ाई से पालन हो, इस दिशा में राज्य सरकार को ठोस कदम उठाना होगा। पीआईएल की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर से शपथ पत्र के साथ निगम सीमा के भीतर किए जा रहे रोकथाम के संबंध में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने सुनवाई 27 जनवरी, 2025 कर तिथि तय कर दी है।
गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई। पूर्व में जारी निर्देश के तहत छग शासन के चीफ सिकरेट्री ने महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर के जरिए शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया। इसमें चीफ सिकरेट्री ने बताया कि प्रदेशभर के स्कूलों के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर कोटापा एक्ट को प्रभावी कर दिया गया है। स्कूलों के आसपास और सार्वजनिक स्थलों पर तंबाखू सहित नशे के सामान की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिला प्रशासन के अलावा स्थानीय प्रशासन को कोटापा एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है।
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 15 नवंबर को राष्ट्रीय अवकाश के दिन हाई कोर्ट को खोला गया थ। इस दौरान बेंच का गठन हुआ। मीडिया में प्रकाशित खबर को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया था। पीआईएल पर लगातार डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है।
राज्य शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने डिवीजन बेंच को बताया कि कोटापा एक्ट के प्रावधानों के तहत पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा साझा अभियान चलाया जा रहा है। काेटापा एक्ट में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जुर्माना भी ठोंका जा रहा है। दुकानदारों से कोटापा एक्ट का पालन भी कराया जा रहा है। महाधिवक्ता के जवाब के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस पूरे मामले की सतत और गंभीरता के साथ निगरानी करने का निर्देश निगम कमिश्नर को दिया। कोर्ट ने बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि निकाय क्षेत्र में कोटापा एक्ट के प्रावधानों को किस तरह लागू किया जा रहा है। पूरी कार्ययोजना बताने का निर्देश दिया है।