कालेज का मैदान सरकारी, सेल डीड होगा खारिज… छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
बिलासपुर। एसबीआर कालेज मैदान को लेकर चले रहे विवाद का छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने एसबीआर कालेज के मैदान को सरकारी बताया है। इसके पहले किए गए सभी सेल डीड को खारिज कर कालेज मैदान की जमीन को शासकीय भूखंड में मर्ज करने और राजस्व दस्तावेजों में इसे अपलोड करने का निर्देश कलेक्टर को दिया है।
एसबीआर कालेज मैदान को बचाने के लिए अतुल बजाज,सुमित बजाज, अमित बजाज और संतोष बजाज ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। राज्य शासन की ओर से इस पूरे मामले में महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने शासन का पक्ष रखा था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कालेज की जमीन को सरकारी घोषित करते हुए सभी सेल डीड को रद्द करने का आदेश जारी किया है।
हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने अतुल बजाज और अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि कालेज की इस जमीन को तत्कालीन ट्र्स्ट ने शासन को दान दिया है। भूलवश वर्तमान में मौजूद दो एकड़ 38 डिसमिल जमीन खाते में दर्ज नहीं हुआ। इसका फायदा उठाकर वर्तमान ट्र्स्टी ने कालेज के खेल मैदान की जमीन 11 लोगों को रजिस्ट्री कर दिया है।
डिवीजन बेंच ने खेल मैदान खरीदी बिक्री के संबंध में की गई रजिस्ट्री को रद्द करने के साथ ही सेल डीड को भी रद्द करने का आदेश दिया है। कालेज मैदान की जमीन खसरा नम्बर 107/3, 108/3 और 109 कुल रकबा दो एकड़ 38 डिसमित जमीन राजस्व दस्तावेजों में सरकारी मद पर चढ़ाई जाएगी।
सेल डीड भी होगा रद्द
हाईकोर्ट आदेश के बाद जमीन की सेल डीड करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। ट्रस्टी ने जमीन का डीड सौरभ सोनछात्रा, शिशिर सोनछात्रा, रूपेश सराफ, अजय कुमार जायसवाल, गुरूविन्दर सिंह भाटिया, सुमित भाटिया, बलवीर भाटिया, अमनदीप सिंह, अरविन्द कुमार भानुशाली, दीपक अग्रवाल और मीनत भानुशाली के नाम किया है।