टल सकते हैं नगरीय निकाय चुनाव, अप्रेल के बाद चुनाव कराने पर विचार, निकायों में होगी प्रशासकों की नियुक्ति!
भिलाई। छत्तीसगढ़ में नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद् व नगर पंचायतों में आगामी दिनों में होने वाले चुनाव टल सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि विभिन्न जिलों में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव छत्तीसगढ़ में होने जा रहे बोर्ड परीक्षाओं के बाद कराए जाएंगे। एक दिन पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा में नगर पालिका संशोधन विधेयक पारित हो गया है। इसके साथ ही सरकार ने निकाय चुनावों के लिए 6 माह का समय ले लिया है। इसके कारण उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार निकाय चुनाव बोर्ड परीक्षाओं के बाद कराए जाएंगे! इसका मतलब है कि जिन निकायों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा वहां सरकार प्रशासक की नियुक्ति करेगी।
बता दें छत्तीसगढ़ विधानसभा में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने निगम चुनावों को 6 महीने के अंदर करवाने के लिए विधेयक पास करवा लिया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी पंचायतों के चुनाव 6 महीने के अंदर करवाने के लिए अध्यादेश ले आए हैं। विधानसभा में नगर पालिका तथा नगर निगम संशोधन विधेयक के साथ पंचायत चुनाव सम्बन्धी विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सरकार इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को एक साथ कराने का रास्ता साफ हो गया। ऐसे में दोनों चुनावों को एक साथ मई में होने की संभावना बन रही है।
नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए जहां चुनाव होना है वहां के वार्डों का आरक्षण हो चुका है। लेकिन अभी भी नगरीय निकायों के महापौर और नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण जारी नहीं हो पाया है साथ ही पंचायतों में भी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर आरक्षण की प्रक्रिया शुरू भी होती है, तो पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 15 – 20 दिन का वक्त लग सकता है। ऐसे में चुनाव टलने की संभावना बढ़ जाती है। यदि सरकार आरक्षण कार्रवाई पूरी कर भी देती है तो स्कूलों में परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
छतीसगढ़ में 1 मार्च से 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी है। 15 फरवरी से शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में लग जाएगा और शिक्षकों की ड्यूटी भी इसी में लगेगी। यही नहीं स्कूलों में नर्सरी से लेकर कक्षा 8वीं तथा 9 वीं व 11वीं की परीक्षाएं भी बोर्ड परीक्षा के पहले या बाद में कराई जाएंगी। चुंकि चुनावों में सबसे बड़ा अमला शिक्षा विभाग का ही तैनात रहता है। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव बोर्ड परीक्षाएं व स्कूलों की अन्य कक्षाओं की परीक्षाओं के बाद कराए जाने की पूरी संभावना है।
10 जनवरी तक सभी निगमों के महापौर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इस बार सरकार महापौर का सीधे चुनाव कराने जा रही है। ऐसे में अभी तक इनके आरक्षण की घोषणा हो जानी थी। जब तक यह नहीं होगा, आचार संहिता भी नहीं लग सकती। वहीं दूसरी तरफ पंचायतों के आरक्षण को भी आगे बढ़ा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार होगा, जब नगर निगम और पंचायत का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव कराए जाएंगे। प्रदेश में 3 जनवरी के बाद से 14 नगर निगमों में एक-एक कर महापौर की जगह प्रशासक बैठ जाएंगे। सबसे पहले 3 जनवरी को राजनांदगांव और भिलाई 3 चरौदा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 5 जनवरी को महापौर एजाज ढेबर का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके बाद रायपुर समेत प्रदेश के 10 नगरीय निकायों में प्रशासक बैठ जाएंगे। ऐसे में इसकी प्रबल संभावना है कि जनवरी में सरकार निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर देगी।