तेरे भाई का अपहरण किया है…, पुलिस ने केस का ऐसा किया खुलासा, कांप गए लोग

बस्ती| जिले के गौर थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको सुन कर आप चकरा जाएंगे| आप ने अभी तक कई अपहरण के मामले देखे और सुने होंगे लेकिन यह अपहरण का मामला कोई साधारण मामला नहीं है| इसमें एक व्यक्ति अपने आप को अपहरण कर लेता है और अपने घरवालों से रंगदारी मांगता है| अपने भाई के फोन पर अपने आप को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने का मैसेज भेजता है| पीड़ित परिजनों ने जब इसकी शिकायत पुलिस ने दर्ज कराई तो पुलिस की सर्विलांस, एसओजी, क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया और 24 घंटे के अंदर पुलिस ने इस अपहरणकांड से पर्दा हटा दिया| अपने आप को अपहरण करने वाले व्यक्ति को सलाखों के पीछे भेज दिया है|

बता दें गौर थाना के परासडीह गांव का रहने वाला अजय कसौधन अचानक लापता हो गया था| परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका| इसके बाद अजय कसौधन के भाई के फोन पर मैसेज आया कि तुम्हारे भाई का अपहरण कर लिया गया है| हम लोग तुम्हारे लड़के शुभम को उठाने आए थे लेकिन तुम्हारा भाई बीच में रोड़ा बन रहा था; इसलिए उसका अपहरण कर लिया है| अगर उसको छुड़ाना है तो पैसा देना पड़ेगा| यह मैसेज देख कर घर वाले परेशान हो गए|

मैसेज में लिखा था तेरे बेटे को उठाने आया था जो किराने की दुकान पर बैठता है; लेकिन मिल गया तेरा भाई| तेरे बेटे को 3 महीने से उठाने का प्रयास कर रहा था| अगर पुलिस को यह बात बताई तो तेरे भाई की लाश घर जाएगी| मेरी दुश्मनी तेरे भाई से नहीं है, तुमसे है मगर तुम्हारा भाई बीच में आ जाता था इसलिए इस को उठा लिया| पुलिस ने जब इस अपहरणकांड का खुलासा किया कि अजय कसौधन ने रंगदारी वसूलने के लिए अपने आप को किडनैप किया है तो अजय के भाई ने उस के खिलाफ तहरीर दिया| इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपने आप को अपहरण करने वाले अजय कसौधन को जेल भेज दिया है|

एएसपी ओपी सिंह ने बताया कि अपहरण की सूचना पर पुलिस की टीम लगाई गई थी| पुलिस ने अपहरण कांड का खुलासा कर दिया है| अजय कसौधन ने अपने भाई से रंगदारी वसूलने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी| अजय कसौधन को व्यापार में काफी घाटा हो गया था| वहीं, उसके भाई ने 40 लाख रुपए लोन लिया था| लोन के पैसों को हथियाने के लिए उसने अपने आप के अपहरण की साजिश रची और खुद का अपहरण कर पैसों की डिमांड की थी| अब अभियुक्त के खिलाफ धारा 308 (5), 336 (3), 340 (2), 319 (2) BNS के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है|