मनरेगा से मिला रोजगार और सिंचाई व जल का अन्य उपयोग हेतु कुंआ

जगदलपुर : जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से प्रकृति को बचाने के विभिन्न उपाय के साथ-साथ जल, जंगल और जमीन को संरक्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव के तहत कराए जा रहे नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के साथ ऐसे निर्माण कार्य जिनकी मदद से प्रकृति में संतुलन बनाते हुए ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल सके इस पर जिला पंचायत बस्तर के द्वारा सभी जनपदों में मनरेगा के तहत् कुंआ और डबरी निर्माण को प्राथमिकता दिया गया है। मानव निर्मित पेयजल के स्त्रोत के रूप में ग्रामीण इलाकों में कुंआ का विशेष महत्व होता है। जिले के जनपद पंचायत बकावण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जैबेल के हितग्राही खेमसागर और ग्राम पंचायत उड़ियापाल के हितग्राही ईश्वर ने मनरेगा योजनांतर्गत गांव के अपने निजी भूमि में कुआं निर्माण कार्य स्वीकृत करवा कर रोजगार के अवसर के साथ सिंचाई व अन्य उपयोग हेतु जल की उपलब्धता प्राप्त किए है।

ग्राम पंचायत जैबेल के हितग्राही खेमसागर ने वर्ष 2018-19 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बकावण्ड द्वारा 2 लाख 54 हजार की प्रषासकीय स्वीकृति, इसी प्रकार ग्राम पंचायत उड़ियापाल के हितग्राही ईश्वर ने भी वर्ष 2018-19 में 2 लाख 68 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। ग्राम पंचायत द्वारा उक्त निजी भूमि में कुआं निर्माण का कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत पंजीकृत मज़दूरों से कराया गया है। हितग्राही खेमसागर के पास कुल 2.40 एकड़ जमीन है लगभग 1.10 एकड़ जमीन में धान एवं मक्का की खेती की जा रही है। जबकि ग्राम पंचायत उड़ियापाल के हितग्राही ईश्वर के पास 3.50 एकड़ जमीन है और लगभग 1.70 एकड़ जमीन में धान और प्याज की खेती की जा रही है। दोनों हितग्राही के परिवारों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से कुआं निर्माण होने से काफी खुशहाली आई।