कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपियों को नहीं मिलेगी मिलिंग की बकाया प्रोत्साहन राशि, आदेश जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपियों को धान की मिलिंग के लिए मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की दूसरी किस्त अदा नहीं की जाएगी। राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में साफ किया गया है कि ऐसे राइस मिलर्स, जिनके विरुद्ध ईओडब्ल्यू-एसीबी में प्रकरण दर्ज हैं, उन्हें द्वितीय किस्त की प्रोत्साहन राशि प्रदाय न की जाए। राज्य में कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपियों के खिलाफ ही ईओडब्ल्यू- एसीबी में प्रकरण दर्ज हैं।

खाद्य विभाग ने यह आदेश दरअसल खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में राइस मिलों को लंबित प्रोत्साहन राशि दिए जाने के संबंध में जारी किया है। साथ ही इसी आदेश में ये भी लिखा गया है कि किन मिलरों को यह प्रोत्साहन राशि नहीं दी जानी है। राज्य शासन ने कुछ समय पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया था कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में उपार्जित एवं राज्य शासन द्वारा संधारित शासकीय धान की अरवा उसना कस्टम मिलिंग पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मिलिंग दर के अतिरिक्त वर्ष 2022-23 में प्रोत्साहन राशि की द्वितीय किस्त का भुगतान किया जाना है।

इन मिलरों को मिलेगी राशि

राज्य के ऐसे मिलर्स, जिनके द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में कस्टम मिलिंग के लिए उठाए गए धान की संपूर्ण कस्टम मिलिंग कर चावल जमा किया गया है। ऐसे राइस मिलर्स, जिनका खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में जमा किए जाने के लिए शेष कस्टम मिलिंग चावल की राशि का समायोजन अनुबंध के प्रावधानों के तहत 30 दिसंबर 2024 तक हो चुका है।

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