महाकुंभ में भगदड़: 17 से ज्यादा लोगों की मौत, एंबुलेंस से लगातार ढोए जा रहे शव, देखिए तस्वीर…

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए संगम नोज पर लाखों श्रद्धालु जुटे थे। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 17 से अधिक लोगों की मौत हो गई। मेला प्रशासन ने फिलहाल 17 मौतों की पुष्टि की है।इस घटना से संगम नोज पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे के तुरंत बाद दर्जनों एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मृतकों के शवों को वहां से ले जाया गया। घायल श्रद्धालुओं को मेला परिसर में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेले से कई एंबुलेंस लगातार शव लेकर शहर की ओर जाते रहे।

संगम तट पर कई श्रद्धालु बेहोश
जानकारी मिल रही है कि भगदड़ के बीच संगम तट पर कई श्रद्धालु बेहोश हो गये हैं। घायलों में महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल हैं।  हताहतों को 50 से अधिक एंबुलेंस की मदद से सेंट्रल हॉस्पिटल लाया गया है। कई घायलों को मोटरसाइकिल से भी लोगों ने पहुंचाया है। हालात को काबू करने के लिए सेना और एनएसजी ने मोर्चा संभाल लिया है।

महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौतों पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी रो पड़े. उन्होंने कहा कि ‘हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी. निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल है. प्रशासन सिर्फ वीआईपी की जी हुजूरी में लगा रहा. इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नहीं. किसी का बेटा चला गया. किसी का बाप चला गया. पिछले स्नान के बाद ही हमने प्रशासन को सचेत किया था.

सपा अध्यक्ष ने सरकार को आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी की अतिरिक्त प्रबंध करने की बात कही है। अखिलेश अपने एक्स पर लिखा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले- बदइंतजामी इसके के लिए ज़िम्मेदार

अखिलेश के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने भी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है। श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं। आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है। हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है।

खरगे ने आगे कहा कि अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए, और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएँ न हों। श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व मूवमेंट आदि की व्यवस्था में विस्तार करना चाहिए और वीआईपी मूवमेंट पर लगाम लगानी चाहिए। यही हमारे साधु संत भी चाहते हैं। कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि पीड़ितों को हर संभव मदद करें।

कुंभ में भगदड़ के बाद का मंजर तस्वीरों में देखिए…

मौत के बाद भी बिछड़ने का डर। एक शव को रेस्क्यू टीम ले जाने लगी तो परिजन हाथ पकड़कर साथ-साथ दौड़ने लगे।
मौत के बाद भी बिछड़ने का डर। एक शव को रेस्क्यू टीम ले जाने लगी तो परिजन हाथ पकड़कर साथ-साथ दौड़ने लगे।
मेडिकल स्टाफ के साथ पुलिस के जवान घायलों और डेडबॉडी का रेस्क्यू करने में जुटे रहे।
मेडिकल स्टाफ के साथ पुलिस के जवान घायलों और डेडबॉडी का रेस्क्यू करने में जुटे रहे।
भीड़ इतनी थी कि घटनास्थल पर एम्बुलेंस पहुंचने में काफी दिक्कत हुई। स्ट्रेचर पर लादकर शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया।
भीड़ इतनी थी कि घटनास्थल पर एम्बुलेंस पहुंचने में काफी दिक्कत हुई। स्ट्रेचर पर लादकर शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया।
भगदड़ के बाद जूते-चप्पल और कपड़े बिखर गए। लाशों के बीच रोते-बिलखते युवक को सांत्वना देता रेस्क्यू टीम का जवान।
भगदड़ के बाद जूते-चप्पल और कपड़े बिखर गए। लाशों के बीच रोते-बिलखते युवक को सांत्वना देता रेस्क्यू टीम का जवान।
भगदड़ मची तो लोग जालियां तोड़कर भागते दिखे। इस दौरान कई लोग चोटिल हो गए।
भगदड़ मची तो लोग जालियां तोड़कर भागते दिखे। इस दौरान कई लोग चोटिल हो गए।
भगदड़ के बाद लोग अपनों से बिछड़ गए, तलाश करने के बाद भी नहीं मिले तो परिजन रोने लगे।
भगदड़ के बाद लोग अपनों से बिछड़ गए, तलाश करने के बाद भी नहीं मिले तो परिजन रोने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ के बाद लोग काफी देर तक वहीं पड़े रहे। घायल तड़पते रहे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ के बाद लोग काफी देर तक वहीं पड़े रहे। घायल तड़पते रहे।
संगम घाट से स्ट्रेचर पर लादकर घायलों और शवों को हॉस्पिटल ले जाया गया।
संगम घाट से स्ट्रेचर पर लादकर घायलों और शवों को हॉस्पिटल ले जाया गया।
हादसे के काफी देर बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम पर पहुंचीं।
हादसे के काफी देर बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम पर पहुंचीं।
स्ट्रेचर नहीं मिला तो पुलिस के जवान घायल महिला को उठाकर एम्बुलेंस तक ले गए।
स्ट्रेचर नहीं मिला तो पुलिस के जवान घायल महिला को उठाकर एम्बुलेंस तक ले गए।
ये भगदड़ के तुरंत बाद की तस्वीर है। कपड़े, बैग और कंबल चादर के बीच डेडबॉडी और घायल पड़े हुए हैं।
ये भगदड़ के तुरंत बाद की तस्वीर है। कपड़े, बैग और कंबल चादर के बीच डेडबॉडी और घायल पड़े हुए हैं।
भगदड़ के बाद लोग अपने सामानों को समेटते दिखे।
भगदड़ के बाद लोग अपने सामानों को समेटते दिखे।
तस्वीर पांटून पुल की है। पुल पर इतनी भीड़ और धक्का-मुक्की हुई की कई लोग खुद की जान बचाने के लिए पुल से नीचे उतर गए।
तस्वीर पांटून पुल की है। पुल पर इतनी भीड़ और धक्का-मुक्की हुई की कई लोग खुद की जान बचाने के लिए पुल से नीचे उतर गए।
भगदड़ के बाद भीड़ हटी तो मंजर नजर आया, हादसे में दबे लोग जमीन पर पड़े हुए थे।
भगदड़ के बाद भीड़ हटी तो मंजर नजर आया, हादसे में दबे लोग जमीन पर पड़े हुए थे।

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