15 साल पहले बालको में हुआ था हादसा: बालको व पांच कंपनियों को कोर्ट ने बनाया आरोपी

कोरबा। बालको में चिमनी गिरनी से 40 मजदूरों की मौत हो गई थी। यह घटना 15 साल पुरानी है। डेढ़ दशक बाद कोर्ट ने इस मामले में बालको सहित पांच कंपनियों को आरोपी बनाया है। हादसे में मजदूरों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इन कंपनियों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 13 मार्च की तिथि तय कर दी है। कोर्ट ने बालको सहित आरोपी कंपनियों के अफसरों काे तलब किया है।

घटना 21 सितंबर 2009 की है। तब निर्माणाधीन चिमनी भरभराकर गिर गई थी। इस हादसे में काम कर रहे 40 मजूदरों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बालको चिमनी हादसे की सुनवाई कोरबा के स्पेशल कोर्ट में चल रही है। सुनवाई के दौरान स्पेशल जज एससीएसटी ने राज्य शासन की मांग पर बालको के अलावा चिमनी बनाने का काम करने वाली चीनी कंपनी सेपको, पेटी कॉन्ट्रेक्ट का काम लेने वाले जीडीसीएल, कामकाज का निगरानी करने वाली कंपनी ब्यूरो वेराइटिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बीवीआईएल) और डेवलपमेंट कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड (डीसीपीएल) को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोपी बनाने की मांग की थी। इसके लिए धारा 319 के तहत आवेदन कोर्ट में पेश किया था।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बालको का वर्ष 2002 में विनिवेश कर दिया । वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट कंपनी ने इसे खरीद लिया। पावर प्लांट के चिमनी निर्माण का काम चीनी कंपनी शैनदोंग इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन को मिला था। सेपको ने जीडीसीएल को काम पूरा करने का ठेका दे दिया था।

बालको चिमनी हादसे में मारे गए 40 मजदूर छत्तीसगढ़ के बाहर के थे। अधिकांश मजदूर बिहार व कुछ श्रमिक झारखंड के थे। हादसे के बाद परिजन अपने घर लौट गए हैं।

 

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