दुर्ग के जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही…गर्भ में पल रहे बच्चे को बताया मृत, निजी हॉस्पिटल की जांच में स्वस्थ निकला शिशु

दुर्ग| जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिसमें खुर्सीपार की रहने वाली 30 वर्षीय एकता को उनके गर्भस्थ शिशु के संबंध में गलत रिपोर्ट दी गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में बताया गया कि उनका 7 सप्ताह का बच्चा गर्भ में ही मृत हो गया है। वहीं निजी अस्पताल की जांच में बच्चा स्वस्थ बताया गया।

जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भपात की तैयारी भी शुरू कर दी। लेकिन एकता की मां की सूझबूझ से गर्भपात नहीं किया गया। और एकता को निजी अस्पताल ले जाया गया। निजी हॉस्पिटल की जांच में बच्चा स्वस्थ बताया गया। वहीं मां ने कहा कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

आपको बता दें कि एकता 7 सप्ताह की गर्भवती है, जो चेक अप कराने जिला अस्पताल गई थी। जिसमे रिपोर्ट में बच्चे को मृत बताया गया, लेकिन एकता की मां कविता चौकीकर ने सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर पूरी तरह भरोसा न करते हुए निजी अस्पताल में सोनोग्राफी दोबारा कराने का निर्णय लिया। जिसके बाद भिलाई के ही एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी कराई गई, जिसमें बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाया गया।

जिला अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की हार्ट बीट शून्य थी, जबकि निजी अस्पताल की सोनोग्राफी में हार्ट बीट 132 प्रति मिनट दर्ज की गई। यह स्पष्ट करता है कि सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट में भारी त्रुटि थी, जो एकता और उसके परिवार के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकती थी।

कविता चौकीकर ने बताया कि 26 मार्च को एकता की तबीयत खराब होने पर वे उसे जिला अस्पताल लेकर गईं वहाँ एकता को इंजेक्शन दिया गया और अगले दिन 27 मार्च को सोनोग्राफी की गई रिपोर्ट को जब लेबर रूम की डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि बच्चा अब नहीं रहा, हालांकि माँ को कुछ संदेह हुआ और वे अपनी बेटी को निजी अस्पताल ले गईं। जहाँ डॉक्टरों ने दोबारा सोनोग्राफी कर पुष्टि की कि बच्चा स्वस्थ है और हृदय गति सामान्य है।

पूरे मामले में रेडियोलॉजिस्ट डॉ बी पी देवांगन का मानना है कि उन्होंने जो जांच किया था इसके आधार पर रिपोर्ट दी गई थी, दुबारा जांच का रिपोर्ट उन्होंने देखा नहीं है ऐसे में वे दूसरी रिपोर्ट के साक्ष्य के आधार पर अपने रिपोर्ट को गलत नहीं मान रहे हैं।

इस मामले में सीएमएचओ मनोज दानी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है, उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।