हाई कोर्ट ने कहा- स्थानीय निकाय को रेलवे भूमि से कब्जा हटाने का नहीं है अधिकार

बिलासपुर। तखतपुर नगर पालिका द्वारा रेलवे की जमीन से गुमटी और ठेला लगाकर वर्षों से गुजर-बसर कर रहे छोटे व्यवसायियों को हटाने के प्रयासों पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि नगर पालिका को रेलवे भूमि से कब्जा हटाने का कोई अधिकार नहीं है।

तखतपुर नगर के मंडी चौक क्षेत्र में स्थित रेलवे भूमि खसरा नं. 429/1, रकबा 23.41 एकड़ पर विगत तीन दशकों से गरीब छोटे व्यवसायी- जैसे एग रोल, गन्ना रस, फल-सब्जी, गुपचुप, चाय-नाश्ता, लान्ड्री, फेमिंग आदि के जरिए जीविकोपार्जन कर रहे हैं। इस दौरान रेलवे विभाग ने कभी उन्हें हटाने की पहल नहीं की। लेकिन हाल ही में नगर पालिका तखतपुर द्वारा उन्हें नोटिस जारी कर भूमि से बेदखल करने की कार्रवाई शुरू की गई। इससे आक्रोशित होकर सुरेश देवांगन उर्फ भाउराम, राजेश ठाकुर, प्रमोद महरा, विकास देवांगन, अब्दुल हबीब खान, शिवकुमार, शहजादा, अजमेर शाह समेत अन्य व्यवसायियों ने अपने अधिवक्ता मिर्जा हफीज बेग के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की।

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नगर पालिका तखतपुर को रेलवे भूमि से व्यवसायियों का कब्जा हटाने की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य शासन के अधिकारी अथवा नगर पालिका को रेलवे की जमीन से किसी का कब्जा हटाने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी वर्ष 2024 में रिट याचिका क्रमांक 470/2024 पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ऐसी ही कार्रवाई पर रोक लगाई थी, जब राज्य शासन और नगर पालिका ने संयुक्त प्रयास से गरीबों को हटाने का प्रयास किया था। कोर्ट ने वर्तमान मामले में याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने कब्जे की जानकारी संबंधित रेलवे विभाग को अवश्य दें, ताकि भविष्य में कोई भ्रम या विवाद उत्पन्न न हो।

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