वक्फ कानून के खिलाफ आंदोलन को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्थगित किया, जानें क्या है इसके पीछे का कारण

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Pahalgam Terror Attack: नए वक्फ कानून (Waqf Act) के खिलाफ चल रहे आंदोलन को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रोटेस्ट को तीन दिनों के लिए रोकने का फैसला किया। दरअसल बोर्ड ने यह पैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी (Pahalgam Terror Attack) हमले के बाद किया है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बयान जारी करते हुए कहा, “शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता के प्रतीक के रूप में बोर्ड ने वक्फ अधिनियम में ‘विवादास्पद संशोधनों’ के खिलाफ अपने अभियान को तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।

मुस्लिम संगठन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि AIMPLB ने एक शोक संदेश जारी किया है और अपने चल रहे विरोध कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है, “शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता के प्रतीक के रूप में, बोर्ड ने वक्फ अधिनियम में ‘विवादास्पद संशोधनों’ के खिलाफ अपने अभियान को 23 अप्रैल से तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।

AIMPLB के तहत वक्फ की सुरक्षा के लिए मजलिस-ए-अमल के राष्ट्रीय संयोजक SQR इलियास ने एक बयान में कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला बेहद दुखद और निंदनीय है। लिहाजा बोर्ड ने पीड़ित परिवारों के प्रति शोक और सहानुभूति व्यक्त करने के लिए अपने विरोध प्रदर्शनों को तीन दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। इलियास ने अभियान के राज्य और जिला संयोजकों को एक परिपत्र जारी कर उन्हें तीन दिनों के लिए सभी अभियान गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इसके बाद अभियान फिर से शुरू होगा।

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को दोपहर में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला उस वक्त किया गया, जब बैसरन घाटी में बड़ी तादाद में पर्यटक मौजूद थे। मृतकों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए। जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा अटैक के बाद ये सबसे बड़ा हमला है। पुलवामा में CRPF के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था, इसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।