मोतीलाल फाउंडेशन के मालिक रामदेव अग्रवाल ने रायपुर IIM को 101 करोड़ और NIT को दिया 71 करोड़ का दान

badi-khabar

रायपुर। रामदेव अग्रवाल रायपुर जिले के आरंग के रहने वाले हैं। उनका बचपन आरंग में गुजरा, स्कूली शिक्षा भी आरंग में हुई। इसके बाद वे मुंबई चले गए। वे देश की शीर्षस्थ फाइनेंसियल कंपनी मोतीलाल ओसवाल लिमिटेड के मालिक हैं। उन्होंने गरीब बच्चों और एजुकेशनल संस्थाओं की मदद के लिए मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन बनाया है। उनकी संपत्ति 107 बिलियन डॉलर है।

बताते हैं, छत्तीसगढ़ में जन्मे रामदेव अग्रवाल के मन में छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की इच्छा थी। उनकी कंपनी से आईआईएम और एनआईटी को जो ईमेल आए हैं, उसमें लिखा है कि कंपनी के चेयरपर्सन रामदेव अग्रवाल की छत्तीसगढ़ जन्मभूमि है, छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की उनकी इच्छा थी, इसलिए मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन इन दोनों संस्थाओं की मदद के लिए आगे आया है।

पता चला है, नगर निगम रायपुर के तत्कालीन कमिश्नर अबिनाश मिश्रा की पहल और मंत्री ओपी चौधरी के प्रयास से ये संभव हुआ। बताते हैं, दोनों रामदेव अग्रवाल के संपर्क में थे। दोनों के मोटिवेशन से रामदेव ने न केवल एनआईटी को 71 करोड़ और रायपुर आईआईएम को 101 करोड़ देने का ऐलान किया है बल्कि नवा रायपुर में भी सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाने के लिए 200 से 300 करोड़ रुपए देने का वादा किया है।

बता दें, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन देश के टॉप इंवेस्टमेंट एजेंसी है। रामदेव अग्रवाल रायपुर जिले के आरंग के रहने वाले हैं। बचपन उनका आरंग में गुजरा, स्कूलिंग भी आरंग में हुई। इसके बाद वे मुंबई चले गए।

मोतीलाल ओसवाल के मालिक रामदेव अग्रवाल के टर्नओवर के बारे में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, रामदेव अग्रवाल मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सह-संस्थापक और अध्यक्ष हैं और उनकी कुल संपत्ति 1.7 बिलियन डॉलर है, जो उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों में शामिल करती है।

रामदेव अग्रवाल ने मोतीलाल ओसवाल के साथ मिलकर 1987 में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की स्थापना की थी। यह कंपनी ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, निजी इक्विटी और एसेट मैनेजमेंट सहित विभिन्न वित्तीय सेवाओं में काम करती है। मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के अध्यक्ष के रूप में, रामदेव अग्रवाल ने निवेश प्रक्रिया और “सही खरीदें, सही बैठें“ निवेश दर्शन का निर्माण किया है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमोटर्स ने 5 प्रतिशत शेयर चैरिटी के लिए दान देने का भी फैसला किया है।

कुल मिलाकर, रामदेव अग्रवाल एक सफल छत्तीसगढ़ियां व्यवसायी हैं और मोतीलाल ओसवाल समूह में इनकी अहम हिस्सेदारी है। उनकी कुल संपत्ति और निवेश के इनोवेटिव तौर तरीकों ने उन्हें भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण प्लेयर बना दिया।

रायपुर के आरंग के रहने वाले रामदेव अग्रवाल का नाम भारतीय व्यापार और निवेश की दुनिया के लिए नया नहीं है। वे मोतीलाल ओसवाल समूह के सह-संस्थापक और अध्यक्ष हैं। अग्रवाल ने अपनी गहरी वित्तीय पैनी दृष्टि और विजन के साथ भारतीय शेयर बाजार में काफी बदलाव लाए हैं।

NIT रायपुर को ₹71 करोड़ की सहायता दी जाएगी ताकि वहाँ Centre of Excellence for Innovation and Entrepreneurship in Engineering & Technology (CoE-IEET) की स्थापना हो सके। यह केंद्र स्टार्टअप, इनोवेशन और तकनीकी कौशल के विकास का गढ़ बनेगा।

यह केंद्र खासतौर पर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था से जुड़े प्रमुख सेक्टरों जैसे माइनिंग, स्टील, पावर और मैन्युफैक्चरिंग में इनोवेशन को बढ़ावा देगा। इस पहल से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और छत्तीसगढ़ को एक ‘स्टार्टअप हब’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

दूसरी बड़ी घोषणा के तहत, IIM रायपुर को ₹101 करोड़ की एंडोमेंट दी गई है। यह राशि नए अकादमिक भवन और स्टूडेंट हॉस्टल निर्माण में लगाई जाएगी:

नया अकादमिक भवन: 1.22 लाख वर्गफुट, जिसमें लेक्चर हॉल, मीटिंग रूम्स और स्टाफ केबिन होंगे।

स्टूडेंट हॉस्टल: 70,000 वर्गफुट, 200+ कमरों की सुविधा के साथ।

रामदेव अग्रवाल छत्तीसगढ़ से जुड़ाव और जनमभूमि का कर्ज

फाउंडेशन के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का छत्तीसगढ़ से भावनात्मक जुड़ाव है। यह निवेश न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि राज्य के भविष्य निर्माण में भी उनका योगदान है। उनका मानना है कि जनमभूमि को लौटाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

हमारी कोशिश है कि ये निवेश केवल इमारतों तक सीमित न रहे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संभावनाओं के द्वार खोले। हम IIM और NIT रायपुर के साथ मिलकर गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी और इंपैक्ट पर खास ध्यान देंगे।

देखिए, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर को भेजा गया उनका ईमेल। पढ़िये उन्हांने क्या लिखा है।

 

रीसेंट पोस्ट्स