महामाया मंदिर परिसर में कछुओं की मौत मामले में कर्मचारी को राहत, अग्रिम जमानत मिली

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बिलासपुर| महामाया मंदिर के कुंड में पाए गए कछुओं की मौत के मामले में मंदिर के कर्मचारी को सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई है। ज्ञातव्य है कि इससे पहले मंदिर के उपाध्यक्ष और पुजारी सतीश शर्मा को इस मामले में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली हुई है। तथा दो कर्मचारियों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है।

महामाया मंदिर रतनपुर में गजेंद्र कुमार तिवारी पिता शरद कुमार तिवारी उम्र 50 वर्ष निवासी मकान नंबर 99 वार्ड नंबर 8, भेड़ीमुडा एकाउंटेंट के पद पर पदस्थ हैं। चैत्र नवरात्रि के पर्व पर प्रतिवर्ष की तरह नवरात्रि के पर्व पर प्रत्येक वर्ष की भांति मंदिर की साफ– सफाई,रख– रखाव एवं श्रद्धालुओं की सुख– सुविधा का संपूर्ण ध्यान ट्रस्ट के मीटिंग के अनुसार किया जाता है। इस वर्ष भी महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट रतनपुर के द्वारा 2 मार्च को बैठक आहुत कर सर्व सहमति से पारित प्रस्ताव के अनुसार ट्रस्ट संपति के अधीनस्थ तालाबों का नवरात्रि के पर्व के पूर्व दिनांक 23 व 24 मार्च को साफ– सफाई करवाया गया। किन्तु अत्यधिक मात्रा में मछली होने के कारण एवं तालाब से बदबू आने के कारण मछली निकलवाया गया था। इस दौरान कछुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया था। दो दिन बाद तालाब किनारे 23 कछुए मृत अवस्था में मिले।

समाचार पत्र में प्रकाशन के आधार पर और हाईकोर्ट के संज्ञान लेने पर वन विभाग ने 25 मार्च को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गजेंद्र तिवारी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। गिरफ्तारी की आशंका होने पर गजेंद्र कुमार तिवारी ने सत्र न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की।

बता दे कि इस मामले में महामाया मंदिर ट्रस्ट के दो कर्मचारियों की पूर्व में वन विभाग में गिरफ्तारी कर ली थी। वही मंदिर के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई थी। जिसे आधार बनाकर गजेंद्र तिवारी के अधिवक्ता ने भी जमानत की मांग करते हुए कहा कि गजेंद्र तिवारी का मामला सतीश शर्मा से पृथक नहीं है। तर्कों को सुनने के पश्चात प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सराजुद्दीन कुरैशी ने गजेंद्र तिवारी को अग्रिम जमानत प्रदान कर दिया।