कोरोना ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड, बीते 24 घंटे में 75760 नए पॉजिटिव केस के साथ 33 लाख के पार पहुंचा आंकड़ा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने बीते 24 घंटे में अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए। 75,760 नए पॉजिटिव केस के साथ भारत में कुल मामलों की संख्या 33 लाख के पार कर गई। आपको बता दें कि एक दिन में सामने वाले पॉजिटिव केस की यह सर्वाधिक संख्या है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 1023 मरीजों की मौत भी हो गई।केंद्र सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो भारत में कोरोना के कुल मामले 33,10,235 हो गए हैं। इनमें से 7,25,991 एक्टिव केस हैं। इसके साथ ही अभी तक 25,23,772 मरीज या तो स्वस्थ हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।अगर कोरोना से होने वाले मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में अभी तक 60,472 मरीजों की इस माहामारी के कारण जान चली गई है।
ओडिशा में 200 करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान
कोरोना वायरस कहर के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे ओडिशा के गरीब परिवारों और जरूरतमंदों के लिए नवीन पटनायक सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोविड-19 महामारी से प्रभावित गरीब और अत्यंत गरीब परिवारों के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज की मंजूरी दी। नवीन पटनायक ने राज्य में कोविड-19 के हालात और उसके प्रबंधन की समीक्षा बैठक के दौरान इस स्पेशल पैकेज की मंजूरी दी। यह बैठक वर्चुअल थी और इसमें कलेक्टर से लेकर सीनियर सरकारी अधिकारी शामिल थे। आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘मुख्यमंत्री पटनायक ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार पर जोर देते हुए कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित राज्य में गरीब और अत्यंत गरीब परिवारों के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज को मंजूरी दी। यह विशेष सहयोग पैकेज ग्रामीण गरीब, बहुत गरीब और प्रवासियों को आजीविका गतिविधियों के विकास में मदद करेगा।’
कोरोना वायरस से प्रभावित हो रहे शरीर के सभी अंग
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 न केवल फेफड़े को बल्कि करीब सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है और प्रारंभिक लक्षण छाती की शिकायत से बिल्कुल असंबंधित हो सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य अंगों को शामिल करने के लिए, बस सांस के लक्षणों के आधार पर हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणियों में मामलों के वर्गीकरण पर फिर से विचार करने की जरूरत है।एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, स्नायु विभाग के प्रमुख डॉ एम वी पद्मा श्रीवास्तव, हृदय चिकित्सा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय, मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल समेत संस्थान के विशेषज्ञों ने नीति आयोग के साथ मिलकर आयोजित अपने साप्ताहिक ‘नेशनल क्लीनिकल ग्राउंड राउंड्स में कोविड-19 का फेफड़े पर होने वाले संभावित जटिलताओं पर चर्चा की।