पशु चिकित्सा विभाग में हुई कर्मचारियों की भर्ती रद्द, शिकायत की जांच के बाद बड़ी कार्रवाई से मचा हड़कंप

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रायगढ़| रायगढ़ जिले में पशु चिकित्सा विभाग में साल 2012 में हुई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती को निरस्त कर दिया गया है। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं के आदेश के बाद भर्ती किए गए सभी 44 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द हो गई है। सभी कर्मचारियों की नियुक्ति वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी आकस्मिक निधि स्वच्छकर्ता/परिचारक सह चौकीदार के पद पर की गई थी।

भर्ती में अनियमितता की शिकायत पर जांच चल रही थी। जांच के बाद शुक्रवार को उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं की ओर से आदेश जारी किया गया। आदेश के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

दरअसल पशु चिकित्सा विभाग में वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी आकस्मिक निधि स्वच्छकर्ता/ परिचारक सह चौकीदार पद पर भर्ती की प्रक्रिया की गई थी। इस दौरान भर्ती प्रक्रिया को गलत बताते हुए कुछ कर्मचारियों ने सवाल उठाया था मामले की शिकायत राज्य शासन से की थी।

शासन के आदेश के बाद मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई थी। समिति की जांच में यह पाया गया कि भर्ती प्रकिया में महिला आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती के दौरान दिव्यांगों, अनुसूचित जाति, भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया। विज्ञापित पदों की संख्या से अधिक संख्या में पदों पर भर्ती भी की गई थी। इतना ही नही मेरिट सूची का समुचित रूप से प्रकाशन भी नहीं किया गया, दावा आपत्तियां भी नहीं मंगाई गई।

समिति को जांच के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में भी व्यापक त्रुटियां पाई गई। मामले में जाट समिति की रिपोर्ट के आधार पर उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने सभी 44 कर्मचारियों की नियुक्ति शून्य कर दी है।

इधर शासन के इस आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने मामले में हाई कोर्ट में अपील की थी हाई कोर्ट में सिर्फ अपात्रों की भर्ती निरस्त करने के निर्देश थे लेकिन जिला प्रशासन ने सभी 44 लोगों की भर्ती निरस्त कर दी है। इतना ही नहीं आदेश ऐसे दिन जारी किया गया जब दूसरे दिन से हाई कोर्ट की छुट्टियां लगने वाली है और कोर्ट बंद होने वाला है। कर्मचारियों का कहना है कि वे इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खट खटाएंगे।