7वीं के छात्र को इंस्पायर अवार्ड के 10 हजार रुपए मिले, प्रिंसिपल ने टीसी काटने की धमकी देकर वापस ले लिए


दुर्ग। तितुरडीह स्थित आत्मानंद स्कूल के कक्षा 7वीं के छात्र अजय सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सर्टिफिकेट और 10 हजार रुपए दिए। यह पैसा छात्र के खाते में जमा हो गया। आरोप है कि प्रिंसिपल ने अजय को स्कूल में रोक लिया। इसका पता चलते ही छात्र के पिता स्कूल पहुंच गए। प्रिंसिपल ने छात्र के पिता से 10 हजार रुपए वापस जमा कराने का आदेश दिया।
पिता का आरोप है कि बेटे को धमकाया गया था कि अगर पिता पैसा जमा नहीं करेंगे तो स्कूल से टीसी काट दी जाएगी। पिता ने सुशासन तिहार के तहत लगे कैंप में पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर से की है। पिता ने यह भी बताया कि उसे आश्वासन दिया गया था कि पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया जाएगा।
इसके बाद जो पैसा बचेगा उसे वापस होगा। अजय के पिता जयचंद ने बताया कि स्कूल में उसका बड़ा बेटा, बेटी और छोटा बेटा विजय पढ़ते हैं। करीब एक हफ्ते पहले छोटा बेटा विजय स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर पहुंचा। इसके बाद उसे पता चला कि बेटे अजय और बेटी को स्कूल में रोक लिया गया है। जानकारी मिलने के बाद वह स्कूल पहुंचा। इसके बाद उसे पता चला कि प्रिंसिपल ने बेटे के खाते में जमा हुए पैसे वापस जमा कराने का आदेश दिया है। बेटे ने बताया कि अगर पैसा जमा नहीं किया गया तो स्कूल से उसका नाम काट देंगे।
प्रिंसिपल से बात करने के बाद वह बेटे और बेटी को लेकर घर गया। इसके बाद उसने बैंक खाते से पैसे निकाले और बेटे अजय के साथ जाकर स्कूल में पैसा जमा करवा दिया। अजय के पिता ने बताया कि वह वार्ड नंबर 39 में कचहरी के पास रहता है। उतई चौक पर वह गन्ना रस का ठेला लगाता है। इधर,पूरे मामले को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल प्रेमलता तिवारी का कहना है कि छात्र के पिता को गलत जानकारी दी जा रही है। इसमें स्कूल के कुछ शिक्षकों ने बदमाशी की है। उच्च कार्यालय से मार्गदर्शन लेने के बाद ही विधि सम्मत पैसा वापस लिया गया है।