डॉलर के गिरते ही भारतीय रूपये ने लगाईं छलांग, 2 साल का टूटा रिकॉर्ड- ये चीजें हो सकती है सस्ती


Dollar- Rupee : भारतीय रुपया शुक्रवार को जोरदार तेजी के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84 के नीचे फिसल गया और सात महीने के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह लगभग ढाई साल में सबसे बड़ी एक दिन की छलांग है। इससे पहले गुरुवार को रुपया 84.49 पर बंद हुआ था। रुपये में यह मजबूती मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों की लगातार खरीदारी और अमेरिकी व्यापार वार्ताओं से जुड़ी उम्मीदों के चलते आई है। शुक्रवार को रुपया 71 पैसे चढ़कर 83.78 प्रति डॉलर पर पहुंचा।

एक्सपर्ट नेआगे बताया कि, डॉलर में गिरावट के बावजूद रुपया मजबूत खुला है, जिसकी वजह विदेशी निवेश और डॉलर की बिकवाली है। चौंकाने वाली बात यह रही कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बाजार में डॉलर खरीदने नहीं उतरा, जबकि उसके पास मार्च 2025 तक $84 अरब की शॉर्ट पोजिशन थी।
गौरतलब है कि, चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर का असर भी बाजार पर दिख रहा है। डॉलर इंडेक्स अपने पिछले दो हफ्ते को अपने निचले स्तर पर है। वहीं, चीनी युआन में भी गिरावट देखने को मिल रही है। युआन भी 0.31 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है।
रुपया मजबूत – क्या हो सकता है सस्ता?
सामान / सेक्टर क्यों सस्ता हो सकता है
पेट्रोल-डीजल (तेल) – कच्चा तेल डॉलर में खरीदा जाता है, रुपया मजबूत होने से आयात सस्ता पड़ेगा
मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स – जैसे iPhone, लैपटॉप, टीवी — इनका बड़ा हिस्सा आयात होता है
दवाइयों के कच्चे पदार्थ – फार्मा इंडस्ट्री में जो API आयात होते हैं, वे सस्ते हो सकते हैं
कार के कुछ पार्ट्स ऑटो कंपनियां – जो विदेशी पार्ट्स आयात करती हैं, उनका खर्च घटेगा
सोना और चांदी – ये भी डॉलर में खरीदे जाते हैं, मजबूत रुपया इनकी कीमत पर दबाव डाल सकता है
ई-कॉमर्स पर विदेशी सामान – जैसे Amazon/Aliexpress से आने वाला माल सस्ता हो सकता है
बता दें कि, यह असर सीधे और तुरंत नहीं दिखता, कंपनियों को पहले पुराना स्टॉक बेचना होता है। अगर कच्चा तेल ऊपर चढ़ेगा या सरकार टैक्स बढ़ा देगी, तो फायदा कम हो सकता है। डॉलर फिर से चढ़े तो असर उलट भी हो सकता है।