म्यूल अकाउंट के जरिए लाखों रूपये की ठगी का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार

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दुर्ग। जिले में साइबर अपराध के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने म्यूल अकाउंट (किराए पर दिए गए बैंक खाते) के जरिये हो रहे साइबर फ्रॉड के नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खातों से विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी गई लाखों रुपये की रकम का लेन-देन हुआ है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह एवं पुलिस उप महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा के निर्देशानुसार जिले में साइबर अपराध के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत की गई।

म्यूल अकाउंट के जरिये होता था फ्रॉड का खेल पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ व्यक्ति अपने बैंक खातों को साइबर अपराधियों को किराए पर देकर उनके लिए फर्जी लेन-देन करवा रहे हैं। जांच के दौरान पुलिस को उत्कर्ष बैंक के दो अकाउंट धारकों प्रशांत विश्वकर्मा और मोंटू कुमार के बारे में जानकारी मिली। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पैसों के बदले अपने खाते साइबर ठगों को किराए पर दिए थे। जांच में इन खातों से 29,036 रुपये की साइबर फ्रॉड राशि का लेन-देन पाया गया। इस पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर थाना सुपेला में अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

एक अन्य मामले में पुलिस को जानकारी मिली कि गुजरात और महाराष्ट्र के नागरिकों से धोखाधड़ी कर प्राप्त 50,000 रुपये की राशि पंजाब नेशनल बैंक के एक खाते में जमा की गई है। उक्त खाता धारक रफीक खान से पूछताछ में उसने भी स्वीकार किया कि उसने अपने नाम पर खाता खोल कर साइबर ठगों को किराए पर दिया था। इस पर उसे गिरफ्तार कर थाना मोहन नगर में मामला दर्ज किया गया।

लाखों की ठगी का नेटवर्क, कई स्तर पर खाते किराए पर जांच के क्रम में पुलिस को दो और खातों के बारे में जानकारी मिली, जिनमें अन्य राज्यों के लोगों से साइबर फ्रॉड कर लगभग 3 लाख रुपये का लेन-देन बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से किया गया था। इन खातों के धारक समीर वर्मा और विपिन शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अपने खाते एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद कलाम को किराए पर दिए थे, जिसने आगे इन खातों को किसी और के हवाले कर दिया था। इस मामले में भी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर थाना भिलाई नगर में अग्रिम कार्यवाही जारी है।

 

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