बीईओ कार्यालय के लिपिक ने बिजली बिल भुगतान के नाम पर किया 6 लाख का गबन, सस्पेंड…


बसना। शिक्षा विभाग के कार्यालय में पदस्थ अफसर और लिपिक की कारगुजारी सामने आई है। बसना बीईओ कार्यालय के लिपिक ने बिजली बिल भुगतान के नाम पर 6 लाख रुपये निकाल लिया और बिल का भुगतान नहीं किया। लिपिक का यह फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ जब आरटीआई एक्टिविस्ट ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर लिपिक को निलंबित कर दिया है।

बसना के बीईओ कार्यालय में पदस्थ लिपिक सूर्यकांत मिश्रा ने कार्यालय का बिजली भुगतान के नाम पर छह लाख रुपये निकाल लिया। राशि आहरण करने के बाद बिजली विभाग में बिल का भुगतान करने के बजाय पूरे 6 लाख 23 हजार 348 रुपये खुद रख लिया। मामले का खुलासा होने के बाद जांच टीम बैठाई गई थी। जांच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने पर लिपिक सूर्यकांत मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है।
बीईओ कार्याल में बिजली बिल भुगतान के नाम पर किए गए फर्जीवाड़ा का भांडाफोड़ दो आरटीआई कार्यकर्ताओं के जरिए हुआ है। आरटीआई कार्याकर्ताओं ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाकर इस संबंध में जानकारी मांगी थी। जानकारी में बताय कि बिजली बिल मद की राशि बैंक से चेक के माध्यम से निकाली गई। निकाली गई राशि का बिजली बिल के रूप में बिजली विभाग में जमा नहीं की गई। जांच के दौरान जब बिल और वाउचर मांगे गए तो बीईओ और लिपिक एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश पांडेय की जांच में दोनों अधिकारी दोषी पाए गए। मामले में कार्रवाई करते हुए लिपिक सूर्यकांत मिश्रा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय सिमगा निर्धारित किया गया है।