एनएमडीसी के बोर्ड ने इस्पात संयंत्र अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

कोलकाता । सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी एनएमडीसी ने कहा कि उसके बोर्ड ने एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी के बोर्ड की बैठक में छत्तीसगढ़ के नगरनार में स्थापित एनआईएसपी को अलग करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। कंपनी स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में इसका खुलासा किया है। करीब 30 करोड़ टन क्षमता का यह इस्पात संयंत्र कंपनी की एकमात्र नई परियोजना है जो निकट भविष्य में चालू होने के लिए तैयार है। जानकारी के मुता‎बिक यदि कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप शुरू नहीं हुआ होता तो वह संयंत्र अब तक चालू हो गया होगा। उन्होंने कहा ‎कि फिलहाल दो बड़ी समस्याएं हैं- परियोजना को पूरा करने के लिए श्रमिकों का अभाव और मौजूदा वैश्विक महामारी के दौर में यूरोप के प्रौद्योगिकी साझेदारों को यात्रा करने में परेशानी हो रही है। सूत्रों के अनुसार कारोबार को अलग करना उसके विनिवेश का पूर्व संकेत हो सकता है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस संयंत्र का निर्माण करीब 20,000 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यदि समयबद्ध तरीके से काम किया गया तो एनएमडीसी से उसके इस्पात संयंत्र को अलग किए जाने से भारत सरकार को रकम जुटाने के लिए एक अलग स्रोत तैयार होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एनएमडीसी के बोर्ड द्वारा संयंत्र को अलग करने प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दिए जाने से एक अलग सूचीबद्ध कंपनी सृजित होगी जिसमें एनएमडीसी की शेयर हिस्सेदारी होगी। इससे अल्पांश शेयरधारकों को फायदा होगा। हालांकि कंपनी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी जानकारी में उसे सूचीबद्ध कराने का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

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