बंदूक की सलामी रुकी, बच्चे पैदा होना बंद! इस रहस्यमयी गांव में 40 साल से नहीं गूंजी किलकारी, कहानी चौंका देगी

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सीधी| मध्य प्रदेश के सीधी जिले में घने जंगलों के बीच एक अद्भुत गांव है. अद्भुत इसलिए, क्योंकि यहां पिछले 40 साल से किसी बच्चे की किलकारी नहीं गूंजी, मतलब किसी बच्चे का जन्म ही नहीं हुआ. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर भुईमाड़ क्षेत्र का हाराई गांव अपनी रहस्यमयी मान्यता को लेकर चर्चा में रहता है. इस गांव में खैरवार समाज के लोग निवास करते हैं. मान्यता है कि गांव की ग्राम देवी “अंगरा देवी” की नाराजगी के कारण गांव में संतान जन्म नहीं लेती.

गांव में रहने वाले 80 वर्षीय छोटेलाल सिंह बताते हैं कि खैरवार समाज के पूर्वज छत्तीसगढ़ से देवी को चुराकर लाए थे. गांव के एक पुराने पीपल के पेड़ में उनकी स्थापना की गई थी. वर्षों तक देवी की पूजा और बंदूक की सलामी होती रही, लेकिन जब शासन द्वारा ग्रामीणों से बंदूकें वापस ली गईं, तब से देवी नाराज हो गईं. परिणामस्वरूप, गांव में संतान उत्पत्ति पर जैसे विराम लग गया. इसके बाद कई अधिकारी आते रहे और जाते रहे, लेकिन इस गांव की समस्या का हल आजतक नहीं निकला.

पूर्व कलेक्टर ने बंदूक दिलाई, इसके बाद तो…
गांव के बुजुर्गों का कहना है, पिछले 40 साल से खैरवार समाज के किसी भी दंपत्ति को संतान नहीं हुई. प्रशासन ने इस रहस्य को सुलझाने के कई प्रयास किए. पूर्व कलेक्टर पंकज कुमार ने ग्रामीणों की मांग पर एक ग्रामीण को बंदूक दिलवाई, ताकि देवी को सलामी दी जा सके. पूजा और सलामी के बाद एक अजीब घटनाक्रम देखने को मिला, जो लोग गांव छोड़कर दूसरे गांवों में बस गए, उन्हें संतान प्राप्त होने लगी, लेकिन हाराई गांव में आज भी ये समस्या जस की तस बनी है.

ग्रामीण लाल बहादुर सिंह ने कहा, “हमारे पूर्वजों की गलती का खामियाजा आज तक हमारी पीढ़ी भुगत रही है. अब हम चाहते हैं कि ग्राम देवी का भव्य मंदिर बने ताकि उनकी नाराजगी दूर हो.”

सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने कहा, “बंदूक और बच्चों का कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है, लेकिन ग्रामीणों की आस्था को देखते हुए शासन स्तर से जो संभव होगा, किया जाएगा”.

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