SDOP की दबंगई: पंचायत कर्मियों को सड़क पर कपड़े उतरवा कर जमकर पीटा, एफआईआर की मांग को लेकर पंचायत कर्मियों ने घेरा थाना, दो पुलिसकर्मी निलंबित…


बीजापुर। पुलिस की वर्दी के नशे में चूर एसडीओपी ने सिर्फ साइड नहीं देने के एक मामूली से सड़क विवाद में पंचायत के सचिव और तकनीकी सहायक को बीच सड़क में रोक कपड़े उतरवा अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ मिल जमकर पीटा। एसडीओपी बृजकिशोर यादव ने इतनी बेरहमी से पुलिस कर्मचारियों के साथ मिलकर दोनों पंचायत कर्मियों को पीटा कि दोनों के पीठ पर निशान पड़ गए। वहीं घटना की जानकारी लगते ही पंचायत कर्मियों और स्थानीय भाजपा नेताओं ने भैरमगढ़ थाने का घेराव करते हुए एसडीओपी और दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर की मांग की। पर अधिकारियों ने डैमेज कंट्रोल करते हुए एसडीओपी को विवाद में मामले को शांत करवाने वाला बताते हुए सिर्फ उनके दो सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं मारपीट में शामिल एसडीओपी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

एसडीओपी पुलिस कुटरू बृजकिशोर यादव ने शुक्रवार को उसकापटनम के सचिव बाबू राम पुलसे व उनके तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम के साथ बेदम मारपीट की। मारपीट की वजह बेहद साधारण बताई जा रही है। बाबू राम व संतोष के अनुसार वे दोनों पीएम आवास निर्माण का जायजा लेकर लौट रहे थे। वापसी के दौरान नैमेड़ मार्ग पर एसडीओपी बृजकिशोर यादव खड़े हुए थे। उन्होंने दोनों को रोका व कहा कि अपना परिचय दो। हम दोनों ने अपना परिचय दिया तो वे नाराज हो गए। इसके बाद वहीं हमारे साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट कर दिया। वे लकड़ी व बंदूक से गोली मारने की धमकी देते हुए लगातार पिटाई करते रहे। काफी देर पीटने के बाद उन्होंने हमें जाने दिया। इधर इस मारपीट की खबर आग की तरह फैल गई। इस बात को लेकर सचिव संघ सहित स्थानीय भाजपा नेता आक्रोशित हो उठे। सभी देर शाम को भैरमगढ़ थाना पहुंचे व एफआईआर दर्ज करवाने की मांग करने लगे। मामला एसडीओपी से जुड़ा होने की वजह से थाना में रिपोर्ट दर्ज करने लेटलतीफी होने लगी। इसे नाराज लोगों ने थाना परिसर के सामने ही डट गए। देर रात तक सभी लोग एसडीओपी को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की मांग करते रहे।
इधर बताया जा रहा है कि नैमेड़ मार्ग पर दोनों पक्षों के बीच वाहन को साइड देने की मामूली बात पर विवाद हुआ। एसडीओपी के वाहन को पंचायतकर्मियों ने साइड नहीं दिया। जिसके चलते एसडीओपी बेहद नाराज हो गए। अपने साथ दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ थे। वे तैश में आ गए व मारपीट शुरू कर दी
वहीं डैमेज कंट्रोल करने पुलिस ने सिर्फ दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। एसडीओपी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उल्टा पंचायत कर्मियों के द्वारा ही लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने की बात पुलिस द्वारा बताई गई है। पुलिस का तुर्रा यह है कि बाइक सवारी यात्रियों को तीन से चार बार दुर्घटना कारित करते हुए कार चालक ने बचाया है। पुलिस ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया है।
29 मई लगभग शाम 05:00 बजे, कुटरू से नैमेड़ की ओर जा रही एक चारपहिया स्विफ्ट वाहन द्वारा सड़क मार्ग पर लापरवाही पूर्वक उपेक्षापूर्ण वाहन चला कर जा रहे थे । वाहन चलाते समय मार्ग में आ रहे बाइक सवार यात्रियों को 03 से 04 बार दुर्घटना कारित करते हुए बचा गया ।
इसी मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने के उद्देश्य से सभी थाना क्षेत्रों और सुरक्षा बलों के शिविरों के सामने मोबाइल चेक पोस्ट स्थापित कर चेकिंग की कार्रवाई की जा रही थी। इसी क्रम में गुदमा सुरक्षा कैंप के पास चेकिंग ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों द्वारा संबंधित वाहन को रोकने का प्रयास किया गया। परंतु वाहन बिना रुके आगे बढ़ गया।
तत्पश्चात, उक्त वाहन की जानकारी एसडीओपी कुटरू एवं थाना प्रभारी नैमेड़ को दी गई। संयोगवश एसडीओपी कुटरू भी उसी मार्ग से बीजापुर की ओर आ रहे थे, जिनके द्वारा संबंधित वाहन को संकेत देने और रुकवाने का प्रयास किया गया।
वाहन रोकने के पश्चात, मौके पर वाहन में सवार व्यक्तियों (पंचायत तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम और पंचायत सचिव बाबूराव पुलसे) से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही थी।
पूछताछ के दौरान वाहन में सवार व्यक्तियों
एवं पुलिस कर्मियों के मध्य कहासुनी एवं विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई।
उत्पन्न स्थिति को एसडीओपी कुटरू श्री ब्रिज किशोर यादव द्वारा नियंत्रित कर शांत कराया गया।
घटना से संबंधित शिकायत थाना भैरमगढ़ में प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक बीजापुर द्वारा प्रारंभिक तथ्यों के आधार पर, वाहन रोकने के दौरान उत्पन्न विवाद में संलिप्त रहे पुलिसकर्मी दिवा जितेन्द्र एवं सोमारू उरसा को निलंबित करते हुए संपूर्ण घटना के विरुद्ध विभागीय जांच आरंभ की गई है।
जांच के निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के विरुद्ध आवश्यक विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।