प्रदेश में बिना अनुमति नहीं खोदी जाएगी सड़क व पाथ-वे, सरकार रखेगी हर तरह के सार्वजनिक उत्खनन पर नजर

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रायपुर। प्रदेश में अब एजेंसियां खुलेआम कहीं भी जमीन नहीं खोद सकेंगी। पीने के पानी के लिए हो, सीवर लाइन हो या फिर गैस पाइप लाइन बिछाना हो, एजेंसियां अब बिना अनुमति के छोटे-बड़े किसी भी शहर में खुदाई नहीं कर सकेंगी। राज्य सरकार अब हर तरह के सार्वजनिक उत्खनन पर नजर रखेगी।

इसके लिए केंद्र के बाद अब राज्य सरकार ने भी कॉल बिफोर यू डिग मोबाइल एप के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है। अब किसी भी प्रकार की खुदाई से पहले मोबाइल एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन और सूचना देना होगा। एप का उपयोग नहीं करने पर दंड का भी प्रावधान है। इस मोबाइल एप्लीकेशन पर जानकारी देने से सभी संबंधित एजेंसियों व संपत्तियों के मालिकों को इसकी जानकारी मिल जाएगी।

दरअसल, विभागों या संस्थाओं और अन्य एजेंसियों या ठेकेदारों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण एक ही सड़क या पाथ-वे की जमीन विभिन्न एजेंसियों द्वारा कई बार खोद दी जाती है। इससे लोगों को परेशानी होती है। इतना ही नहीं सड़क खुदाई से कई बार पानी की लाइन सहित अन्य लाइन भी टूट जाती हैं। इससे आम लोगों को यातायात, ड्रेनेज में अवरोध जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस एप के माध्यम से नागरिकों को दूरसंचार, पानी, बिजली, गैस और सड़क जैसी आवश्यक सेवाओं में होने वाली बाधाओं को कम किया जा सकेगा।
ठेकेदारों, जेसीबी जैसी मशीनों का रखा जाएगा डाटा

सरकार अब नोडल अधिकारियों के साथ ही सभी तरह के निर्माण के काम करने वाले ठेकेदारों और जेसीबी जैसी खुदाई की मशीनों का डाटा भी अपने पास रखेगी। इसके लिए नोडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र में काम करने वाले ठेकेदारों को पंजीयन कराने के लिए प्रेरित करना होगा। साथ ही उनको अपनी जेसीबी सहित अन्य खुदाई जैसे काम में उपयोगी यंत्रों की जानकारी देनी होगी।

एप में करना होगा रजिस्ट्रेशन

नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत आदि विभागों के नोडल अधिकारी, सभी तरह के निर्माण ठेकेदार और जेसीबी मालिकों को सीबीयूडी एप में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अफसरों का कहना है कि उत्खनन करने वाला खुद को पंजीकृत करे और सीबीयूडी एप का उपयोग करने के लिए एजेंसियों को भी निर्देश दे।

एप इस तरह से करेगा काम

सबसे पहले, कॉल बिफोर यू डिग एप उत्खननकर्ताओं को संपत्ति मालिकों से जोड़ेगा। यह एसएमएस-ईमेल सूचनाओं और कॉल के माध्यम से किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि खुदाई और उत्खनन योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि भूमिगत संपत्ति सुरक्षित है।

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