छत्तीसगढ़ के हुसैन बोल्ट ने किया कमाल! नार्थ कोरिया एथलेटिक्स गेम्स में गाड़ा झंडा, DSP पिता बोले… बेटा ओलंपिक में दौड़े

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Animesh Kujoor Bronze Medal: छत्तीसगढ़ के उभरते धावक अनिमेष कुजुर ने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में 20.32 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक (ब्रॉन्ज) अपने नाम किया, यह न सिर्फ़ उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है बल्कि भारत का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बन गया है।

अनिमेष कुजुर की दौड़ बेहद रोमांचक रही, जहां जापान के टोवा उज़ावा और सऊदी अरब के अब्दुलअज़ीज़ अब्दु अटाफी ने क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते। लेकिन अनिमेष कुजुर ने सभी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए भारतीय एथलेटिक्स इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। इससे पहले कुजुर ने 20.40 सेकंड में दौड़ पूरी कर फेडरेशन कप में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था, उन्होंने इस खुद ही इसे तोड़ दिया है। इस उपलब्धि के साथ वे एशियन चैंपियनशिप के 200 मीटर इवेंट में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। उनसे पहले धर्मबीर सिंह ने 2015 में कांस्य पदक जीता था।

अनिमेष कुजुर के पिता अमृत कुजुर ने कहा, “हम सभी बेटे के एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीतने पर बहुत खुश हैं। पूरे परिवार में उत्साह है। अब बस यही कामना करते हैं कि बेटा जल्द ओलंपिक मेडल लाकर अपना और देश का नाम रौशन करे। और दिनों दिन आगे बढ़ता रहे।

बेटे के सफर को याद करते हुए अमृत कुजुर ने बताया कि शुरुआत में परिवार अनिमेष की प्रतिभा को नहीं समझ सका था। हम पहले बेटे को नहीं समझ पाए थे। लेकिन जब कोरोना के समय में उसने खेलना शुरू किया, कोरबा में लोकल फुटबॉल खेला, फिर जिला और आगे जाकर जोन रायपुर के लिए भी खेला और मेडल जीता। तब हमें एहसास हुआ कि बेटे में हुनर है।”

उन्होंने बताया कि बिना किसी कोचिंग या स्पेशल ट्रेनिंग के अनिमेष का चयन नेशनल अंडर-18 प्रतियोगिता के लिए हो गया था। तभी परिवार ने निर्णय लिया कि बेटे को अपने रास्ते पर चलने देना चाहिए। “हमने तय किया कि जो करना चाहता है, उसे करने दें। और आज उसी का नतीजा है कि अनिमेष ने देश का नाम रोशन किया है।”

अनिमेष कुजुर की इस जीत ने सिर्फ एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं तोड़ा है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों और सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने पलते हैं। उनके पिता की बातें यह भी बताती हैं कि हर सपने को उड़ान देने के लिए जरूरी है– परिवार का विश्वास और समर्थन। अब पूरा देश यही दुआ कर रहा है कि अनिमेष की ये रफ्तार ओलंपिक तक पहुंचे, और भारत को वह दिन जल्द देखने मिले जब तिरंगा 200 मीटर स्पर्धा में भी सबसे ऊपर लहराए।

कुजुर के इस पदक के साथ भारत की कुल पदकों की संख्या 19 पहुंच गई है, जिसमें 8 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं। इसके साथ ही भारत एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की ओवरऑल मेडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

महिला धाविकाओं का संघर्ष भी सराहनीय

महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा में ज्योति यार्राजी और नित्या गांधी ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन बेहद कम अंतर से पोडियम मिस कर गईं। वहीं चीन की चेन यूजी ने इस रेस में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, और चीन ने मेडल टैली में अपना दबदबा बनाए रखा।

कुजुर की रफ्तार से जगी उम्मीदें

अनिमेष कुजुर की यह शानदार उपलब्धि केवल एक पदक जीतने की कहानी नहीं है, यह भारतीय ट्रैक एथलेटिक्स के भविष्य की चमक का संकेत है। अपने जुनून, अनुशासन और रिकॉर्डतोड़ दौड़ के ज़रिए उन्होंने यह साबित कर दिया है कि भारत अब एशिया के तेज़तम धावकों की दौड़ में पीछे नहीं है। उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी और भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाएगी।

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