छत्तीसगढ़ में स्क्रब टाइफस का खतरा, जांजगीर में मिले दो संदिग्ध, जबलपुर भेजा गया सैंपल

scrub typhus

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज मिलने के बाद अब स्क्रब टायफस बीमारी ने भी दस्तक दे दी है। रायपुर और दुर्ग जिले में कोरोना पाए जाने के बाद अब स्क्रब टायफस के दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामले जांजगीर जिले से हैं। स्क्रब टायफस का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है।

स्क्रब टाइफस एक फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। यह ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलता है। यह रोग एक खास प्रकार के लार्वा कीड़े ( माईट) के काटने से फैलता है। मकड़ी के जैसा दिखने वाला यह कीड़ा गीली जमीन और झाड़ियां में पाया जाता है। बरसात के मौसम में जुलाई से अगस्त तक यह कीड़ा काफी सक्रिय रहता है। और इसी समय इस बीमारी के मरीज अधिक मिलते हैं। पर नौतपा के दौरान कई दिनों तक प्रदेश में आंधी बारिश के चलते ज़मीन गीली हो गई और यह कीड़ा अभी से सक्रिय हो गया है।

इसके दो संदिग्ध मरीज छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में मिले है। इन्हें बिलासपुर के सिम्स में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मामलों की जांच की जा रही है। सिम्स में स्क्रब टायफस की प्रारंभिक जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके लक्षण दिखने पर इसकी पुष्टि के लिए सैंपल जबलपुर भेजा जाता है। राज्य में इस बीमारी के सर्वाधिक संदिग्ध मरीज एक वर्ष में सरगुजा में मिले हैं। यहां 380 मरीजों की जांच की गई, जिनमें 16 की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। शुरुआती लक्षण डेंगू,मलेरिया,या वायरल फीवर से मिलता–जुलता है,जिससे इसकी पहचान करना कठिन हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण बुखार, गर्मी व ठंड लगना तेज सिरदर्द और थकान,शरीर मेंमांसपेशियों और जोड़ों में दर्द,- त्वचा पर लाल चकते या दाने, गर्दन, बगल और कमर में लसीका ग्रंथियों में सूजन हैं। अगर आपको भी किसी तरह के लक्षण सामने आते है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच करवाएं।