भिलाई में फिर पकड़ाए बांग्लादेशी, STF व छावनी पुलिस ने कैंप क्षेत्र से किया महिला व पुरुष को गिरफ्तार

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भिलाई। छावनी पुलिस ने कैंप क्षेत्र से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी महिला व पुरुष को गिरफ्तार किया है। पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश की सीमा से अवैध रूप से प्रवेश करने वाले यह दोनों पिछले 6-7 माह से कैंप क्षेत्र में रह रहे हैं। वहीं यह दोनों ने भारत में पिछले 10-12 सालों से पहचान छिपा कर रहे हैं। दोनों ने अपना नाम बदल लिया और फर्जी नाम से दस्तावेज भी बनवा रखे थे। दोनों पास से जांच में बांग्लादेश की नागरिकता संबंधी पासपोर्ट, पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज पाए गए। छावनी पुलिस द्वारा दोनों के खिलाफ बीएनएस अधिनियम 2023, विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1986, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967, एवं पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत कार्रवाई की गई।

बता दें छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहने वाले बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई कर उन्हे वापस भेजे जाने के लिए दुर्ग में विशेष कार्य बल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा दुर्ग में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को जानकारी मिली कि कैम्प-02 अमन लकड़ी टाल के पास एक किराये के मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी पुरूष एवं एक महिला अपनी मूल पहचान छिपाते हुए फर्जी नाम से रह रहे है।

एसटीएफ टीम एवं थाना छावनी पुलिस द्वारा दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम मोहम्मद अली शेख पिता ईमान शेख, निवासी बुधाखली गोलाबारी, जिला दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल एवं महिला ने अपना नाम साथी शेख पिता होचन शेख, संदेशखली, गोलाबारी जिला दक्षिण 24 परगना पश्चिम बंगाल को होना बताया। इसके बाद दोनों बांग्लादेशी महिला पुरूष के कब्जे से प्राप्त दस्तावेज एवं मोबाइल डाटा का विस्तृत विश्लेषण एवं जांच किया गया।

जांच पर पाया गया कि मोहम्मद अली शेख का वास्तविक नाम मोहम्मद अब्दुल रौब हुसैन पिता अब्दुल सत्तार खंदोकर, उम्र 48 वर्ष निवासी गा्रम राजबाड़िया पोस्ट हरिदापोटा, झिकारगाछा, जिला जेस्सोर बांग्लादेश है। वह वर्ष 2012 में भारत बांग्लादेश सीमा को अवैध रूप से पारकर पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में रह  रहा था। वहीं पर उसने हुसैन शेख नाम के व्यक्ति की बेटी से शादी कर उसकी मदद से मोहम्मद अली शेख के फर्जी नाम से जन्मतिथी बदलकर भारतीय नागरिकता संबंधी फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड बनाए। वह पिछले 5-6 माह से कैम्प-02 में रहना पाया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि मोहम्मद अब्दुल रौब हुसैन मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से बांग्लादेश में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से लगातार संपर्क करता था। उसके पास से पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकता से संबंधित फोटो परिचय पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, बांग्लादेशी पासपोर्ट संबंधी दस्तावेज जब्त किया है।

इसी प्रकार बांग्लादेशी महिला साथी शेख ने अपना असली नाम साथी खातून पिता मोह जमशेर सरदार निवासी निरबासखुला, माटीकुमरा, झिकारगाछा जेस्सोर बांग्लादेश का होना पाया गया। उसने वर्ष 2014 में अवैध रूप से भारत बांग्लादेश सीमा पार किया और इसके बाद से वह भारत में रही थी। वह लगभग 7-8 माह से कैम्प-2 छावनी में किराये के मकान में रह रही थी। इसके द्वारा अपने मामा मोहम्मद अब्दुल रौब के सहयोग से बांग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए अपनी जन्मतिथी में परिवर्तन कर भारतीय नागरिकता संबंधी फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक आदि बना लिया। जांच पर बांग्लादेशी नागरिक साथी खातून द्वारा मोबाइल इंटरनेट कॉल के माध्यम से बांग्लादेश मे रहने वाले रिश्तेदारों से लगातार संपर्क में रह रही थी। महिला के पास से भी पुलिस ने बांग्लादेश की नागरिकता से संबंधित जन्म प्रमाण पत्र, फोटो परिचय पत्र, पासपोर्ट, बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के दस्तावेज एवं अन्य दस्तावेज जब्त किया गया है।

इस प्रकार दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के विरूद्ध अवैध रूप से भारत बांग्लादेश सीमा पारकर बिना वैध दस्तावेज के भारत में निवासरत होकर बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के उद्देश्य से फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उसका दुरूपयोग करने का मामला पाया गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5), 61 बी.एन.एस., 14 विदेशी विषयक अधिनियम 1946, 12 पासपोर्ट अधिनियम 1967, 3 पासपोर्ट (भारत मे प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत अपराध दर्ज किया गया। प्रकरण में दोनों बांग्लादेशी नागरिकों को सहायता करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।