फारूक अब्दुल्ला बोले, चीन के साथ बात हो सकती है, तो दूसरे पड़ोसी से क्यों नहीं
पाकिस्तान के साथ सीमा पर हो रही गोलाबारी की घटनाओं के बीच नेशनल कांफ्रेंस ने उसके साथ बातचीत का समर्थन किया है। पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को लोकसभा में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद खत्म करने के लिए यदि भारत चीन से बातचीत कर सकता है, तो जम्मू-कश्मीर में सीमा के हालात से निपटने के लिए दूसरे पड़ोसी के साथ भी वार्ता की जानी चाहिए।
शोपियां मुठभेड़ में सेना की जांच पर प्रसन्नता जताई
उन्होंने शून्यकाल के दौरान कहा कि सीमा पर झड़प की घटनाएं बढ़ रही हैं और लोग मारे जा रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए कोई हल ढूंढना होगा। आप चीन से बातचीत कर रहे हैं, ताकि वह (लद्दाख सीमा से) वापस चला जाए। हमें अपने दूसरे पड़ोसी से भी इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए बातचीत करनी होगी। फारूक ने शोपियां में मुठभेड़ में तीन लोगों के मारे जाने पर सेना की जांच पर प्रसन्नता जताई।
उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि सेना ने मान लिया है कि शोपियां में तीन लोग गलती से मारे गए थे। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस मामले में अच्छा मुआवजा देगी। अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई विकास नहीं हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश में 4जी सेवा पर लगाए गए प्रतिबंध से छात्रों और कारोबारियों को नुकसान हुआ है। उन्होंने अपनी हिरासत के दौरान अपने पक्ष में आवाज उठाने के लिए सांसदों का आभार व्यक्त किया।
ज्ञात रहे कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद पिछले रविवार को संसद के सत्र में शामिल होने के लिए पहली बार कश्मीर से बाहर दिल्ली पहुंचे। उनके साथ बारामुला-कुपवाड़ा के सांसद मोहम्मद अकबर लोन और अनंतनाग-पुलवामा के सांसद जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी भी संसद में मौजूद रहे।