छत्तीसगढ़ में शहरी विकास की नई शुरूआत, स्वच्छता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ बना देश का स्वच्छतम राज्य, प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाए गए 70 हजार आवास
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गठित की नई सरकार द्वारा लगभग पौने दो वर्षाें में नगरीय विकास के क्षेत्र में किए गए अभिनव प्रयासों से प्रदेश में शहरों के विकास की एक नई शुरूआत हुई है। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य बना, वहीं राज्य सरकार ने शहरी गरीब परिवारों को काबिज भूमि का पट्टा देने और बेहतर आवास उपलब्ध कराने के लिए ‘राजीव गांधी आश्रय योजना‘, ‘मोर जमीन मोर मकान‘ जैसी अभिनव योजनाएं प्रारंभ की। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी बड़ी संख्या में आवास पूर्ण किए गए हैं। बुनियादी सुविधाओं के विकास से नागरिकों को अनेक सहूलियतें मिली हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, जन शिकायतों के त्वरित निदान के लिए वार्ड कार्यालय जैसी योजनाएं लागू की गई हैं। भारत सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण में राज्य 2017 में छत्तीसगढ़ को कोई स्थान नहीं मिला था। वर्ष 2018 में तृतीय स्थान मिला। नरुवा, गरूवा, घुरुवा अऊ बाड़ी के समावेश पश्चात 2019 एवं 2020 में छत्तीसगढ़ देश का स्वच्छतम राज्य बना। पाटन नगर पंचायत अपनी श्रेणी में देश का स्वच्छतम शहर घोषित किया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन के तहत गठित क्षेत्र स्तरीय संगठनों, शहर स्तरीय संगठनों को भारत सरकार ने स्वच्छता एक्सेलेंस अवॉर्ड श्रेणी अंतर्गत नगर पालिक निगम, रायगढ़ के उजाला क्षेत्र स्तरीय संगठन एवं नगर पालिक निगम, अंबिकापुर के स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सहकारी समिति मर्यादित को प्रथम पुरस्कार और नगर पालिका परिषद्, सरायपाली के स्वच्छ सरायपाली महिला क्षेत्रीय संगठन को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
महिला स्व-सहायता समूहों की 10,000 महिलाओं (स्वच्छता दीदी) को ‘मिशन क्लीन सिटी’ परियोजना से जोड़ा गया। इनके द्वारा प्रदेश के 15 लाख घरों से प्रतिदिन 1600 टन कचरा (गीला एवं सूखा अलग अलग कर) एकत्रित किया जाता है। संपूर्ण कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान किया जाता है। स्वच्छता दीदियों की आय में वृद्धि हेतु राज्य सरकार द्वारा दीदियों के मानदेय को बढ़ा कर 6000 रुपए करने का निर्णय लिया गया। सूखे कचरे की बिक्री से 15 करोड़ रुपए की आय भी स्व-सहायता समूहों के मध्य वितरित की गयी।
शहरी लोक स्वास्थ्य – प्रदेश के 14 नगर निगमों के 861 स्लम में 1,71,247 परिवारों के स्वास्थ्य लाभ हेतु मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। 120 मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम से झुग्गी बस्तियों में ही निशुल्क परामर्श, इलाज, दवाइयों एवं पैथोलाजी लैब की सुविधा मिल रही है। प्रदेश के नगर निगमों में ‘डॉ राधाबाई डायग्नॉस्टिक सेंटर’ प्रारंभ करने की घोषणा की गई है। योजनांतर्गत विश्वस्तरीय पैथालॉजी एवं रेडियोलॉजी लैब की पीपीपी मोड़ पर स्थापना की जाएगी। नागरिकों को न्यूनतम दर पर यह सुविधा उपलब्ध कराने वाली एजेन्सी से राज्य करेगा साझेदारी की जाएगी। द्वितीय चरण में ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’ का प्रदेश के समस्त 166 शहरों में विस्तार किया जाएगा। जन शिकायत निवारण – शहरी क्षेत्रों में लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं के निदान के लिए प्रदेश के नगरीय निकायों में वार्ड कार्यालय की स्थापना की गई, इनका उद्देश्य वार्ड स्तर पर वह समस्त सेवाएँ उपलब्ध कराना है जिसके लिए सामान्यतः नागरिकों को नगर निगम कार्यालय जाने की आवश्यकता होती है। वार्ड कार्यालय स्तर पर 25,000 से अधिक नागरिकों की समस्या का हुआ निदान हुआ है। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर निदान-1100 के माध्यम से प्रदेश के नगरीय निकायों से संबंधित किसी भी समस्या को नागरिक दर्ज करा सकते हैं। अद्यतन एक लाख से अधिक शिकायतें निराकृत। विशेष बात यह कि नागरिक के संतुष्ट होते तक शिकायत को निराकृत नहीं माना जाता। काम नहीं करने वाले अधिकारी पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नागरिक सुविधाएं – नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा शासकीय विभागों की समस्त लोक सेवाओं को नागरिक घर बैठे प्राप्त कर सकें, इस हेतु ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ प्रारंभ की जा रही है। इस योजना अंतर्गत नागरिक ऐप के माध्यम से मितान का एपॉन्टमेंट बुक कर सकते हैं। निर्धारित समय पर मितान नागरिक के घर पहुँच कर सभी आवश्यक दस्तावेज मोबाइल से स्कैन करेगा और निर्धारित समय सीमा में वांछित प्रमाण पत्र, लाइसेन्स और सुविधा घर पहुँचाएगा। इसका पर्यवेक्षण उच्च तकनीक से किया जाएगा।
शहरी लोगों को आवास – प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जून 2015 से दिसंबर 2018 तक मात्र 8000 आवास पूर्ण, आज की स्थिति में 70,000 आवास पूर्ण कर लिया गया है। हितग्राहियों को सीधे उनके खातों में 1800 करोड़ रुपए भुगतान किया जा रहा है। प्रत्येक भूमिहीन व्यक्ति को 600-1200 वर्गफुट का पट्टा प्रदान करने हेतु ‘राजीव आश्रय योजना’ प्रारंभ की गई है। प्रदेश के तीन लाख रुपए की आय तक वाले किराएदारों को मकान मालिक बनाने हेतु पॉश कॉलोनी में 3.5 लाख रुपए में दो कमरे का पक्का आवास दिया जाएगा। राजनांदगाँव नगर निगम क्षेत्रांतर्गत आशा नगर में कुष्ट रोगियों हेतु समग्र विकास की योजना बनाकर सभी को पक्का आवास एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की गयीं। इस परियोजना को एचयूडीसीओ द्वारा सम्मानित किया गया।
भूमिहीन व्यक्तियों को भूमि धारण का अधिकार प्रदान करने हेतु अधिनियम लाया गया है। इन अधिनियम के माध्यम से दिनांक 19 नवंबर 2018 के पूर्व में काबिज कब्जाधारकों को भू स्वामित्व अधिकार प्रदान किया जाएगा। इसमें ऐसे व्यक्ति भी लाभान्वित होंगे जिन्हें पूर्व में पट्टा प्रदान किया गया था परंतु नवीनीकरण प्रावधानों के अभाव में वह भूमि का उपभोग नहीं कर पा रहे थे इस निर्णय में राज्य के लगभग दो लाख से अधिक शहरी गरीब परिवार सीधे लाभान्वित होंगे तथा उन्हें ‘मोर जमीन मोर मकान‘ योजना में 2.5 लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी। रायपुर की जीवनदायिनी खारून नदी को बचाने 300 करोड़ रुपए की लागत से ‘मिशन क्लीन खारून’ का कार्य प्रारंभ। इससे नदी में नालों का पानी नहीं जाएगा। रायगढ़ में केलो नदी एवं बस्तर में इंद्रावती के संरक्षण हेतु 200 करोड़ रुपए की योजना का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
प्रदेश के पारंपरिक व्यवसायों को पुनर्जीवित करने ‘पौनी पसारी योजना’ प्रारंभ की गई है। शहरों के हृदय स्थलों पर पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने 255 स्थानों पर पौनी पसारी बाजार की स्थापना का प्रावधान रखा गया है। दिव्यांगजनों को नगरीय निकायों में प्रतिनिधित्व मिले इसलिए विधानसभा में विधेयक लाकर उनके लिए समस्त नगरीय निकायों में एल्डरमेन हेतु पद आरक्षित किए गए हैं। राज्य शासन द्वारा ‘नरवा गरुआ घुरवा बारी‘ कार्यक्रम के अंतर्गत वाटर रीचार्जिंग का भी कार्य किया जा रहा है। समस्त तालाबों एवं नदियों में प्रवाहित हो रहे जल के शुद्धिकरण, समस्त भू-गर्भ आधारित जल स्त्रोतों के विकास के साथ सतही जल स्त्रोत को विकसित किया जा रहा है। यह कार्य विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रगति पर है। वी-वायर इंजेक्शन वेल के माध्यम से भू-जल की चार्जिंग हेतु परियोजना तैयार की गयी है जिससे न केवल जल स्त्रोत सुदृढ़ होंगे अपितु जल भराव की समस्या भी हल हो सकेगी।