आठ दिन वेंटिलेटर और पांच दिन आक्सीजन सपोर्ट में रहकर कोविड से जीती जंग

25 अक्टूबर को शंकराचार्य कोविड हास्पिटल में भर्ती की गईं थीं केजा बाई, सोमवार को स्वस्थ होकर घर लौटीं
दुर्ग। शंकराचार्य कोविड हास्पिटल में ऐसे कई मामले आ रहे हैं जहां पेशेंट के धैर्य और चिकित्सकों की कड़ी मेहनत के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। ऐसा ही मामला दुर्ग की 45 वर्ष की केजा बाई का है जिन्हें सोमवार को शंकराचार्य कोविड हास्पिटल से डिस्चार्ज किया गया। केजा बाई का आक्सीजन लेवल कोविड की वजह से काफी कम हो गया था। उन्हें 25 अक्टूबर को शंकराचार्य हास्पिटल में भर्ती किया। आक्सीजन लेवल की स्थिति को देखते हुए डाक्टरों ने आक्सीजन सपोर्ट में रखने का निर्णय लिया, साथ ही दवा भी आरंभ कर दी गई। आक्सीजन की जरूरत अधिक होने पर वेंटिलेटर सपोर्ट में रखने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार आठ दिन वेंटिलेटर सपोर्ट और पांच दिन आक्सीजन सपोर्ट का सकारात्मक परिणाम आया। केजा का आक्सीजन लेवल सामान्य आ गया। आक्सीजन सपोर्ट हटा दिया गया। शंकराचार्य कोविड हास्पिटल में इलाज की व्यवस्था देख रहीं डा. सुगम सावंत ने बताया कि इसका सारा श्रेय केजा बाई की आत्मशक्ति और उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ का है। इन लोगों ने कड़ी मेहनत की। दवाओं पर प्लान किया गया। लगातार मानिटरिंग की गई। डा. सावंत ने बताया कि शंकराचार्य कोविड हास्पिटल में मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री के मुताबिक दवा देने का निर्णय किया जाता है। इस संबंध में विशेषज्ञ लगातार आपस में चर्चा करते हैं और सबसे बेहतर ट्रीटमेंट देने का प्रयास किया जाता है। उल्लखनीय है कि टेलीकालिंग के माध्यम से भी मेडिकल स्टाफ लगातार मरीजों का फीडबैक लेते रहते हैं। साफ-सफाई के विशेष इंतजाम के निर्देश भी कलेक्टर ने अस्पताल के नोडल अधिकारियों को दिए हैं। कलेक्टर ने मरीजों को रिच प्रोटीन डाइट देने के निर्देश दिये हैं ताकि रिकवरी तेज हो सके। केजा बाई ने बताया कि डाक्टरों द्वारा लगातार ख्याल रखा गया। यह कठिन समय था लेकिन हास्पिटल प्रबंधन द्वारा रखे गए ख्याल एवं नियमित समय पर दी गई दवाओं से सब कुछ ठीक हो गया।