अन्य बीमारियोंं से पीडि़त मरीजों की दिक्कत, कोरोना के डर से भटकती युवती निकली हृदय रोग से पीडित

भिलाई। कोरोना संकट काल में अन्य बीमारियोंं से पीडि़त मरीजों को कैसी कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसका ताजा उद्हारण बीएम शाह अस्पताल में देखने को मिला। सांस की तकलीफ होने पर खैरागढ़ की महिला को कोरोना के डर से उसका पति भिलाई के अस्पतालोंं में भटकता रहा। आखिरकार जब वह बीएम शाह अस्पताल पहुंचा तो यहां जांच के बाद हकीकत पता चली। दरअसल महिला को सांस की तकलीफ दिल की बीमारी के कारण हो रही थी। यहां के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ आकाश बक्शी की देखरेख में उक्त महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर शुक्रवार को डिस्चार्ज हो चुकी है।

बीएम शाह हॉस्पिटल के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉक्टर अरुण मिश्रा ने बताया कि खुटेली खुर्द खैरागढ़ निवासी नीलिमा वैष्णव पति यशवंत वैष्णव (26 वर्ष) को सांस की तकलीफ से खैरागढ़ से भिलाई बेहतर इलाज के सिलसिले में परिजनों द्वारा लाया गया। भिलाई में कई अस्पताल में मरीज कोरोना के डर से भटकता रहा क्योंकि मरीज को कोरोना बताया जा रहा था। 7 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे महिला नीलिमा वैष्णव को लेकर उसका पति बीएम शाह अस्पताल पहुंचा। मरीज की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों द्वारा उसे आईसोलेशन आईसीयू में वेंटीलेटर में शिफ्ट कराया गया। मरीज़ की आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद डॉ शर्मा (एमडी मेडिसिन) द्वारा कार्डिओलोजिस्ट डॉ आकाश बख्शी से सलाह ली गई। जांच में पता चला कि महिला को हृदय कि बीमारी है। मरीज सात दिनों तक आईसीयू में वेंटिलेटर पर रहा। डॉ बख्शी कि देखरेख में मरीज वेंटिलेटर से बाहर आया और वार्ड शिफ्ट किया गया। मरीज को पूरी तरह स्वस्थ्य होने के बाद शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।

परिचित की सलाह पर पहुंचा अस्पताल
मरीज के पति यशवंत वैष्णव ने चर्चा में बताया कि उसकी पत्नी की हालत अत्यंत गंभीर थी। वे जहां जा रहे थे वहां कोरोना का डर बता रहे थे। वैष्णव ने बताया कि एक परिचित की सलाह पर वे बीएम शाह अस्पताल पहुंचे। रात में हम अस्पताल पहुंचे यहां तुरंत मरीज का इलाज शुरू किया गया। मरीज को आईसीयू में वेंटीलेटर में रखा गया, जब डॉक्टरों ने कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव बताई तो हमारी जान में जान आई। यहां के डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की मेहनत का फल है कि आज मेरी पत्नी सकुशल डिस्चार्ज हो गई है। हम तो काफी डरे हुए थे, इतने बड़े अस्पताल में बहुत खर्च आएगा और हम बिल नहीं चुका पाएंगे, लेकिन यहां के प्रबन्धक ने भरोसा दिलाया और बिल में काफी मदद की।

समय पर इलाज मिलने से मिली राहत

मरीज को मायोकार्डियटिस एवं सीवियर एलवी डिसफंकशन था, जिसकी वजह से मरीज को सांस की तकलीफ हो रही थी। समय से मरीज की जांच एवं ईलाज कर सकुशल डिस्चार्ज कर दिया गया। लोगों से हमारी अपील है कि हर सांस की बीमारी कोरोना नहीं है। कृपया इसे इग्नोर ना करें समय रहते अपनी जांच कराएँ।