खुशखबरी: बहुप्रतिक्षित जबलपुर गोंदिया ब्रॉड गेज पर यात्री ट्रेन सेवा 25 दिसंबर से होगी प्रारंभ

राजनांदगांव। बहुप्रतिक्षित जबलपुर गोंदिया ब्रॉड गेज पर यात्री ट्रेन सेवा 25 दिसंबर से प्रारंभ होगी। रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर रेल अधिकारियों ने इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी है। उत्तर से दक्षिण को जोडऩे वाला यह सबसे छोटा रेल मार्ग होगा। गोंदिया से जबलपुर नैनपुर होकर 240 किलोमीटर लंबे मार्ग मे अंग्रेजों के जमाने से नेरोगेज ट्रेनें संचालित थीं। नैनपुर रेलवे स्टेशन नैरोगेज का सबसे बड़ा जंक्शन भी था। नैनपुर से होकर मंडला फोर्ट व छिंदवाड़ा नागपुर के लिए भी ट्रेनें संचालित थीं। 15 वर्ष पूर्व इस मार्ग को पूर्णत: बंद कर यहां ब्रॉडगेज बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया। कई वर्षों तक बंद रहने के बाद बालाघाट तक की रेल सेवा प्रारंभ की गई। नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन पर फिर से इसे प्रारंभ करने जा रही है। इस मार्ग निर्माण को पुन: दुरतगति से प्रारंभ किया और अब 2020 के अंतिम माह के अंतिम सप्ताह तक यात्री ट्रेन की सेवा प्रारंभ हो जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस मार्ग के ब्रॉडगेज होने का सपना देखा था और इस सपने को आकार देने उन्होंने बड़ी धनराशि भी इसके लिए दी थी। किंतु बीच में अन्य सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आते ही उन्हें इस मार्ग का निर्माण प्रारंभ हुआ और कम समय में इसे पूरा किया गया। इस ट्रैक पर यात्री ट्रेन शुरू होते ही रायपुर, दुर्ग, नागपुर पहुंचना आसान हो जाएगा। मध्यप्रदेश के जबलपुर से नागपुर सहित देश भर के अन्य बड़े-बड़े स्टेशनों की दूरी खासी कम होगी। रेल अधिकारियों ने बताया कि जहां रायपुर की दूरी 112 किलोमीटर कम हो जाएगी। वहीं उत्तर को दक्षिण से जोडऩे मे यह मार्ग 500 किलोमीटर तक की दूरी कम करेगा। वर्तमान में जबलपुर से बल्लारशाह जाने के लिए इटारसी, नागपुर, वर्धा होकर 752 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। गोंदिया मार्ग प्रारंभ होते ही बल्लारशाह की दूरी ढाई सौ किलोमीटर कम हो जाएगी। वहीं दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों की दूरी 274 से लेकर 500 किलोमीटर तक कम होगी। जबलपुर से नागपुर के लिए वर्तमान में इटारसी बैतूल होकर 540 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। किंतु इस ब्रॉडगेज के प्रारंभ होने से नागपुर की दूरी घटकर 364 किलोमीटर रह जाएगी। यानी 175 किलोमीटर का फायदा होगा। पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे दुर्ग जाने के लिए वर्तमान में जबलपुर, कटनी, शहडोल, बिलासपुर होकर 555 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जो घटकर 369 किलोमीटर हो जाएगी। दुर्ग की दूरी 186 किलोमीटर कम होगी। इसी प्रकार रायपुर की दूरी भी 112 किलोमीटर कम होगी साथ ही अभी जबलपुर से कोलकाता जाने के लिए इलाहाबाद होकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। यह दूरी भी गोंदिया से रायपुर होकर बहुत कम समय पर तय कर ली जाएगी। जिससे यात्रियों को समय व धन की बचत भी होगी, साथ ही मालवाहक किराए में भी कमी आएगी। कुल मिलाकर यह मार्ग रेलवे के साथ-साथ यात्रियों के लिए भी फायदे का मार्ग साबित होगा। 25 दिसंबर को संभावित रूप से देश के मुखिया नरेंद्र मोदी इस मार्ग पर पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।