कृषि कानूनों के खिलाफ 23वें दिन भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 23वें दिन भी जारी है, इस बीच बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 23वें दिन में प्रवेश कर गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश के किसानों के साथ संवाद करेंगे, किसानों के समर्थन में पूर्व सैन्य अधिकारी किसानों को संबोधित करते कर्नल गुरुदेव सिंह

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज मध्य प्रदेश में किसानों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री देश के किसानों के सबसे बड़े हितैषी हैं। किसानों की जिंदगी बदलने वाले तीनों कृषि कानून प्रधानमंत्री ने लागू किए।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र सरकार और कृषि कानूनों पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है। आए दिन आंदोलनकारी किसानों की मौत को लेकर उन्होंने लिखा है, ‘और कितने अन्नदाताओं को कुर्बानी देनी होगी? कृषि विरोधी कानून कब खत्म किए जाएंगे?’

तमिलनाडु में द्रमुक नीत विपक्षी दल केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए शुक्रवार को एक दिन के अनशन पर बैठे। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान तीन सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली से लगी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। द्रमुक के प्रमुख एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता एम. के. स्टालिन, पार्टी की सांसद कनिमोई और विपक्षी गठबंधन के अन्य दलों के नेता शुक्रवार को यहां प्रदर्शन में शामिल हुए।

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चिपको आंदोलन शुरू कर एक नई क्रांति लाने वाले नेता सुंदरलाल बहुगुणा भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह अन्नदाताओं की मांगों का समर्थन करते हैं।, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था। तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते।

संभल के एसडीएम ने आंदोलन में शामिल होने वाले कई किसानों को नोटिस भेजा है। खबर है कि इनमें से 6 किसानों को 50 लाख तक के नोटिस भेजे गए हैं। इन पर गांवों के किसानों को भड़काने और कृषि कानूनों को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप है। वहीं जब एसपी से इस बारे में पूछा गया तो वह बोले कि छपाई में गलती हो गई थी। यह नोटिस 50 लाख नहीं 50 हजार का है। यह नोटिस एहतियात के तौर पर भेजा गया है ताकि किसान उग्र न हो, पत्थरबाजी न करें और किसी प्रकार की हिंसा न करें।, सिंघु बॉर्डर पर किसान ठंड से बचने के लिए अधिक तम्बू की व्यवस्था कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि हम अपने आप को लंबे समय के लिए तैयार कर रहे हैं। क्योंकि काले कानूनों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। यहां ठंड हो रही है, इसलिए हम और अधिक टेंट लगा रहे हैं।

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते। अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। सिंघु बॉर्डर पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज अपने 23 वें दिन में प्रवेश कर गया है। भारतीय किसान मोर्चा के दयाल सिंह कहते हैं कि पीएम मोदी को किसानों से बात करनी चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम इन कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यातायात को लेकर एडवाइजरी जारी की है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला है। दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाले चिल्ला बॉर्डर का एक कैरिज-वे यातायात के लिए खुला है, हालांकि नोएडा से दिल्ली के लिए दूसरा कैरिजवे बंद है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 23वें दिन में प्रवेश कर गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ तीन हफ्ते से जारी आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश के किसानों के साथ संवाद करेंगे। इसी कार्यक्रम में करीब दो हजार पशु और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।