बजरंग दल की अहम बैठक राम मंदिर निधि समर्पण अभियान को लेकर संपन्न
सक्रिय बजरंगी की पहचान, उसकी लगन, मेहनत एवं कार्य – रतन यादव
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रांत के सभी जिलों में राम मंदिर निधि समर्पन अभियान को लेकर बजरंग दल की निचली इकाई खंड प्रखंड नगर विभाग तक की बैठक सभी जिलों में लगभग लगभग संपन्न हुई जिसमें सभी कार्यकर्ताओ को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई इस अभियान के लिए जो प्रमुख रूप से संयोजक एवं सह संयोजक नियुक्त हुए हैं उनके साथ परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने एवं बजरंग दल की अपनी सक्रिय भूमिका जो हमेशा से रही है राम मंदिर के लिए चाहे वह आंदोलन हो चाहे वह किसी भी प्रकार का प्रदर्शन हो उसमें हमेशा से रहा है आज हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे सामने राम मंदिर का दिव्य निर्माण होने जा रहा है जिसमें हम सभी की भूमिका रहने वाली है बजरंग दल जिला स्तरीय पूरे छत्तीसगढ़ प्रांत में यह बैठक को किया है जिसमें उपखंड खंड प्रखंड नगर जिला विभाग के सभी कार्यकर्ता मिलन प्रमुख अखाड़ा प्रमुख बजरंग दल की पूरी टोली इस राम मंदिर अभियान में अपनी भूमिका देने वाले हैं बजरंगदल अह्वान करता है इस ऐतिहासिक अभियान हेतु अपना समय समर्पित करें आप अपना दान स्टेट बैंक ,पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ,इन बैंकों में अपनी राशि राम मंदिर निर्माण हेतु दान कर सकते हैं यह दान आयकर कानून की धारा 80G(2)(बी) के अन्तर्गत करमुक्त है
15 जनवरी से 27 फ़रवरी तक चलेगा श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए बजरंग दल के कार्यकर्ता विहिप एवं पूज्य संतों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे। रतन यादव जी ने कहा कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा(27 फ़रवरी) तक चलाने वाले इस सघन अभियान में कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर राम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा। असंख्य रामभक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए।
आज एक प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को पुन: प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने पाँच सदियों तक संघर्ष किया। अंततः समाज की भावनाओं तथा मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर भारत सरकार को एक न्यास बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” के नाम से न्यास की घोषणा की। प्रधान मंत्री महोदय ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की।
यादव ने बताया कि मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई तथा गुवाहाटी के आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो तथा टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। बहुत शीघ्र नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा। संपूर्ण मंदिर पत्थरों का है। प्रत्येक मंज़िल की ऊँचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट है।
रतन यादव ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास की सच्चाइयों से अवगत कराने की योजना बनी है। देश की कम से कम आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्रीराम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमार तथा अटक से कटक तक देश का कोई कोना नहीं छोड़ेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान, निकोबार तथा कच्छ के रण से पर्वतीय क्षेत्रों तक सम्पूर्ण भारत में संगठन के कार्यकर्ता पहुँच कर राम मंदिर का साहित्य देंगे तथा उनका सहयोग लेंगे। लोगों की प्रबल इच्छा है कि भगवान की जन्मभूमि पर मंदिर शीघ्र बने।
उन्होंने कहा कि इस जन-संपर्क अभियान में देशभर के लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे तथा समाज स्वेच्छा से सहयोग करेगा क्योंकि काम भगवान का है व मन्दिर भी राम का है। भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता। आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10, 100 तथा 1000 रुपए के कूपन व रसीदें छापी हैं। समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे। करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाएंगे।