कोरोना का नए स्ट्रेन बड़ी चुनौती, भारत में ब्रिटेन से आने वाले हर शख्स के सैंपल की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस का नया रूप मिलने के बाद ब्रिटेन से आने वाले सभी लोगों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। नए स्ट्रेन के बारे में पता लगाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि भारत में अब तक 16 करोड़ से ज्यादा सैंपल की जांच हो चुकी है। लेकिन इनमें से केवल 4000 सैंपल की ही जीनोम सीक्वेंसिंग हो पाई है।
जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए यह पता चलता है कि सैंपल में मौजूद कोरोना वायरस का स्ट्रेन कौन सा है। जिन 4000 सैंपल की सीक्वेंसिंग की गई थी उनमें 10 तरह के कोरोना वायरस भी मिले, जिनमें से एक ए3आई रूप है जो भारत में सबसे ज्यादा तेजी से प्रसारित होने वाला रूप है। हैदराबाद स्थित सीसीएमबी की लैब में जून से ही सीक्वेंसिंग चल रही है।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा ब्रिटेन में जो नया रूप मिला है वह भारत आने वालों में है या नहीं? इसका पता आरटी-पीसीआर या किसी अन्य जांच से नहीं लगाया जा सकता इसका पता तभी चलेगा जब सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी।

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