मासूम नवजात ठंड में 11 घंटे पड़ी रही नाली में, सीसीटीवी से हुई बच्ची की मां की पहचान

दिल्ली (एजेंसी)। एक बिन ब्याही मां ने पैदा हुई अपनी बच्ची को समाज में बदनामी के डर से कपड़े में लपेटकर नाली में फेंक दिया। मासूम कड़कड़ाती ठंड में 11 घंटे तक पड़ी रही। अगले दिन देवदूत बनी एक युवती की उस पर नजर पड़ी तो उसने देखा कि बच्ची हिलडुल रही थी। फौरन युवती अपनी सहेली की मदद से उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गई, जहां से उसे चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। बच्ची को जान बचाने वाली युवती अपनी बहन के लिए मासूम को अब गोद लेना चाहती है। पुलिस ने सीसीटीवी से बच्ची की असली मां की पहचान कर ली है जो बच्ची को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मामले सीडब्ल्यूसी के पास है।

देवदूत बनकर आई युवती

पुलिस के मुताबिक बच्ची के लिए देवदूत बनकर आई काजल (25) (बदला हुआ नाम) परिवार के साथ पांडव नगर में रहती है। वह प्राइवेट नौकरी करती है। 13 दिसंबर को सुबह 9.45 बजे वह घर से दफ्तर के लिए निकली। रास्ते में उसने देखा कि कुछ लोग नाली की ओर देखकर इधर-उधर की बात कर रहे थे। काजल ने भी देखा तो वहां नाली में एक कपड़े में लिपटा किसी बच्चे का पैर दिख रहा था। फौरन काजल आगे बढ़ी तो देखा कि उसमें हरकत भी हो रही है।
काजल ने बच्चे को उठाया और अपनी सहेली को कॉल किया। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना था कि पैदा होने के बाद बच्ची को कुछ भी नहीं खिलाया गया। इसके अलावा उसे  ठंड भी लगी हुई थी, लेकिन हैरत की बात यह थी कि 11 घंटे नाली में पड़ी रहने के बाद वह जिंदा कैसे थी।

13 दिसंबर की रात बिन ब्याही युवती ने दिया जन्म
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। वहां की सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो पता चला कि देर रात को पड़ोस की एक युवती ने उसे नाली में फेंका था। युवती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह बिना शादी के ही गर्भवती हो गई थी। 13 दिसंबर की रात को उसने अपने घर के बाथरूम में बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद दुनिया के डर से उसने बच्ची को एक कपड़े में लपेटकर नाली में फेंक दिया। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी मामले की जांच कर रही है। फिलहाल बच्ची की मां उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

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