दुर्ग सामूहिक हत्या के प्रत्यक्ष के बयान के आधार पर स्केच तैयार

दुर्ग। खुड़मुड़ा गांव में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या के तीन दिन बाद पुलिस के सामने बुधवार को एक चेहरा आ गया। 11 साल के बच्चे के बयानों के आधार पर पुलिस ने स्केच तैयार कराया है। बताया जा रहा है कि इस स्केच के मुताबिक दो-तीन लोगों के क्लू मिले हैं। इसके बाद एक टीम राज्य से बाहर भी भेजी गई है। हालांकि, यह अभी शुरुआती स्केच है, जो कि बहुत स्पष्ट नहीं है।

अमलेश्वर के खुड़मुड़ा गांव में सोमवार सुबह बालाराम सोनकर, उनकी पत्नी दुलारी, बेटे रोहित और बहू कीर्ति का शव घर में ही पड़े मिले थे। वहीं, इस मामले में IG दुर्ग विवेकानंद सिन्हा ने जांच के लिए SIT का गठन कर दिया है। टीम ने बुधवार को दुलारी और रोहित के बैंक खातों की डिटेल खंगाली। साथ ही ग्रामीणों के बयान भी लिए हैं। बालाराम और रोहित का ससुराल गांव व उसके आसपास ही है।

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि 40 साल पहले खुड़मुड़ा गांव में दुलारी से शादी के बाद बालाराम यहीं आकर बस गया। उसने अपनी मेहनत से सारी संपत्ति बनाई। कीर्ति के भाई ने पुलिस को बताया कि 10 सालों से उसकी बहन अपने ससुराल वालों के साथ महुदा बाडी़ में रह रही थी। बालाराम ने बाकी बेटों को जमीन का बंटवारा कर दिया था। अन्य सभी भाई भी खेती-बाड़ी और सब्जी उगाने का काम करते हैं।

100 से ज्यादा लोगों से पुलिस कर चुकी है पूछताछ
कीर्ति के भाई ने बताया कि दो बार दलालों ने जमीन खरीदने और बेचने को लेकर संपर्क किया था, लेकिन जीजा ने मना कर दिया था। इस बीच पता चला है कि पुलिस ने भाटागांव और रायपुर के दो जमीन दलालों को पूछताछ के लिए उठाया था। हालांकि उनसे भी कुछ खास बात सामने नहीं आ सकी है। घटना के बाद से पुलिस परिवार समेत करीब 100 लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

25 दिसंबर को बुजुर्ग महिला का जन्मदिन मनाने की थी तैयारी
रोहित के मोबाइल की डिटेल से पता चला है कि आखिरी कॉल रोहित के छोटे भाई संजय का था। घटना के एक दिन पहले कई रिश्तेदारों ने कॉल किया था। रोहित की मां दुलारी बाई का 25 दिसंबर को जन्मदिन था। जिसकी तैयारी के लिए रिश्तेदारों ने दुलारी से बात की थी। बालाराम अपने एक बेटे के खेत में काम करते थे। इसके एवज में उनको पैसा भी देता था। पुलिस हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद को कारण मान रही है।

घर से तीन लाख रुपए मिले, रिश्तेदारों को सौंपे गए
IG की ओर से गठित SIT टीम में ASP ग्रामीण प्रज्ञा मेश्राम, SDOP आकाश राव, TI वीरेंद्र श्रीवास्तव, शिवानंद तिवारी, गौरव तिवारी, नवी मोनिका पांडेय, ASI चंद्रशेखर सोनी, हेड कांस्टेबल समेत 7 सिपाहियों को शामिल किया गया है। पुलिस को घर की छानबीन में 3 लाख रुपए कैश भी मिला है। जिसे लिखा-पढ़ी के बाद पुलिस ने रोहित के रिश्तेदारों को सौंप दिया है।

बच्चे को उसके भाई-बहनों से मिलवाया, बताया कि मां अस्पताल में भर्ती है
मंगलवार दोपहर 11 साल के दुर्गेश को पुलिस घटना स्थल पर लेकर गई थी। इस दौरान उसके छोटे भाई-बहन तोरण, ईश्वरी और वर्षा को भी बुलाया गया था। ASP प्रज्ञा मेश्राम ने बताया कि दुर्गेश ने बाड़ी जाने की इच्छा जाहिर की थी। उसके बाकी छोटे भाई बहन अपने रिश्तेदार के घर पर है। दुर्गेश ने अपने माता-पिता के बारे में पूछा तो उसे अस्पताल में भर्ती होना बताया।