पीएम मोदी ने डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के 353 किमी के सेक्शन का किया उद्घाटन

नई दिल्ली ।  प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के 353 किमी के सेक्शन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद हैं। बुलंदशहर के खुर्जा से लेकर कानपुर देहात के भाऊपुर तक के इस सेक्शन के उद्घाटन के लिए प्रयागराज, भाऊपुर और खुर्जा में तीन जगह यह कार्यक्रम हों रहे हैं। डीएफसी के इस रूट पर मालगाडिय़ों का संचालन शुरू होते ही ट्रैक पर मालगाडिय़ों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती रहेगी।

भारत आधुनिक रेलगाडिय़ों को बनाने के साथ ही उनका निर्यात भी कर रहा है

यूपी के 45 माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा राज्य में 8 नए गुड़ शेड भी बनाए गए हैं। वहीं वाराणसी और गाजीपुर में 2 बड़े पेरिशेबल कार्गो सेंटर पहले ही किसानों को सेवा डें रहे हैं। भारत न केवल आधुनिक रेलगाडिय़ां बना रहा है, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में, रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 5,000 से अधिक नए रेलवे कोच बनाए हैं और निर्यात भी उसी से किया जा रहा है। 2006 में इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी, उसके बाद ये परियोजना सिर्फ कागजों और फाइलों में बनती रही। केंद्र को राज्यों को जिस तत्परता से बात करनी थी, वो हुआ ही नहीं। नतीजा ये हुआ की काम अटक गया, लटक गया भटक गया।

अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी

कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरु की गई है। किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है। अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में भी किसान रेल से अनेक स्टेशन जुड़ चुके हैं और इनमें लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के पास भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा।

फ्रेट कॉरिडोर से किसान रेल को भी फायदा होगा

इन फ्रेट कॉरिडोर से किसान रेल को भी फायदा होगा। 100वीं किसान रेल अभी शुरू की गई है। इस फ्रेट कॉरिडोर के लॉन्च के साथ, किसान रेल तेजी से चलेगी। ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे। उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है। मालगाडिय़ों के लिए बनी इस प्रकार की विशेष सुविधाओं से यात्री ट्रेनों की लेट-लतीफी कम होगी और मालगाड़ी की स्पीड भी तीन गुना ज्यादा हो जाएंगी। मालगाडिय़ां पहले से दो गुना ज्यादा सामान की ढुलाई भी कर पाएंगी।

एक ही पटरी पर चलती हैं यात्री ट्रेन और मालगाड़ी

हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाडिय़ां एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसे में मालगाडिय़ों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों पर स्टेशन पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन और मालगाड़ी दोनों लेट होती है। हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाडिय़ां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसे में मालगाडिय़ों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी।हमने दो डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर शुरू करने की योजना बनाई है। पहला पंजाब के लुधियाना को पश्चिम बंगाल के दनकुनी से जोड़ेगा। दूसरा महाराष्ट्र में जेएनपीटी को उत्तर प्रदेश में दादरी से जोड़ेगा।