सहज, सरल, कुशल प्रशासक के रूप में संभागायुक्त महावर का कार्य सदैव रहेगा स्मरणीय
संभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद, कार्यकाल के स्मरणीय अनुभव किये साझा, झीनी झीनी बीनी चदरिया, सेवानिवृत्ति के मौके पर अपने संबोधन में संभागायुक्त ने कहा, पूरे कार्यकाल में यही कोशिश रही कि लोगों के लिए बेहतर कार्य कर सकूँ, यह संभव हुआ इस बात का संतोष
दुर्ग। संभागायुक्त टीसी महावर आज सेवानिवृत्त हो गए। धमतरी, जांजगीर-चांपा, मुंगेली जिले में कलेक्टर के अलावा बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग के संभागायुक्त के रूप में तथा अन्य प्रशासकीय पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी सहज, सरल और कुशल प्रशासन की छवि के साथ जनमानस के मन में गहरी छाप छोड़ी। प्रशासकीय दायित्वों के साथ ही वे निरंतर साहित्य सृजन भी करते रहे। उनकी सेवा अवधि में उनके कनिष्ठ अधिकारियों ने उनसे सीखा ही, रिटायरमेंट के अवसर पर भी वे प्रशासन से जुड़े अहम सबक सीखा गए। उन्होंने अपने सेवानिवृत्ति संबोधन में कबीर से लेकर बट्र्रैंड रसेल तक के विचारकों से ली प्रेरणा और इन्हें सार्वजनिक और निजी जीवन में उतारने से हुए लाभों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवा की चुनौती बहुत बड़ी होती है। आज सेवानिवृत्त हुआ हूँ और इस बात का संतोष है कि इतने लंबे सार्वजनिक सेवा की अवधि में अपने काम को बेहतर तरीके से करने की कोशिश की। कबीर ने कहा था कि झीनी झीनी बीनी चदरिया, ज्यों की त्यों धर दीनी चदरिया, ऐसा करने की पूरी कोशिश की है। अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर महावर ने अपने सपनों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि मैं एक व्यावसायिक परिवार से हैं और मेरे पिता को लगता था कि मैं भी व्यवसाय में ही जाऊँ लेकिन मेरा सपना प्रशासन में था। मैं कलेक्टर बनना चाहता था और उस जमाने में जैसे मेरा फिजिक था उसमें लोगों को लगता था कि यह बहुत ऊँचे सपने देख रहा है। मैं दुबला-पतला सा था। मेरा अपने पर भरोसा काम आया और बस्तर अंचल मे रहते हुए भी मैंने अपने सपनों को पूरा किया। इस मौके पर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि अनेक क्षेत्रों में महावर का ज्ञान काफी विस्तृत है और राजस्व मामलों के तो वे मास्टर हैं। उन्होंने सहज, सरल और कड़क अधिकारी के रूप में पहचान बनाई। उनके साथ किये गये संभाग के दौरों के अनुभव हमेशा याद रहेंगे, उनके कार्यकाल की सुखद स्मृति हमेशा साथ रहेगी। एपीसीसीएफ एसके सिंह ने भी महावर के सरगुजा के कार्यकाल की सुखद स्मृतियों को साझा किया और बताया कि किस प्रकार विभिन्न विभागों के बेहतर समन्वय से उन्होंने सरगुजा संभाग में बेहतरीन कार्य संपादित कराया। सीसीएफ शालिनी रैना ने भी कहा कि उनके साथ चार महीने बहुत सुखद गुजरे, उनका अनुभव क्षेत्र व्यापक है और निश्चित ही इससे सहयोगी समृद्ध होते हैं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि मुंगेली में भी और दुर्ग में भी संभागायुक्त महोदय के मार्गदर्शन में कार्य करने का अवसर मिला। बड़ी सहजता से उन्होंने कठिन मसलों को भी हल किया। एसपी प्रशांत ठाकुर ने कहा कि वे तथा महावर जगदलपुर के हैं। महावर की सफलता ने मुझे भी शासकीय सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। राजनांदगांव कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि संभागायुक्त महोदय से निरंतर सीखने का मौका मिला। बालाघाट में उनसे लिए प्रशासनिक सबक मेरे लिए काफी उपयोगी रहे।
बालोद कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि संभागायुक्त महोदय के नेतृत्व में दुर्ग संभाग ने अनेक क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की। उनके मार्गदर्शन में अच्छा कार्य हुआ। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे अनेक अवसरों पर संभागायुक्त महोदय के साथ कार्य करने का अवसर मिला। मनरेगा आयुक्त के रूप में दी गई उनकी सीख मेरे लिए काफी उपयोगी रही। इस मौके पर पीएचई एसई राजेश गुप्ता ने भी कार्यकाल का स्मरण किया। महावर के दामाद और आईआरएसएसई अधिकारी अनुज गुप्ता ने भी अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर उनकी पत्नी अनिता महावर तथा बिटिया पारूल भी मौजूद रहीं। विभिन्न संभागीय अधिकारी, प्रशासन के अधिकारी जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, बीबी पंचभाई, एएसपी रोहित झा, डिप्टी कमिश्नर मोनिका कौड़ो, एसडीएम खेमलाल वर्मा, विनय पोयाम, डिप्टी कलेक्टर अरुण वर्मा, प्रियंका वर्मा,दिव्या वैष्णव, सीएमएचओ गंभीर सिंह ठाकुर, डाॅ. अनिल शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।