एनाफिलैक्सिस के लिए तैयार रहेंगी एईएफआई चिकित्सकों की टीम
चुनाव जैसी तैयारी रहेगी कोरोना वैक्सीनेशन साइट पर
दुर्ग/बेमेतरा। कोरोना के वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसकी तैयारी वैसी ही होगी जैसी लोकसभा और विधानसभा के चुनावों की होती है। जिले के हेल्थ वर्करों को प्रथम चरण में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पिछले दिनों 2 जनवरी को ड्राई रन करके तैयारियों का जायजा भी लिया जा चुका है। कोरोना वैक्सीनेशन के तैयारियों के क्रम में ही आज वैक्सीनेशन साइटपर तैनात रहने वाले टीकाकरण प्रभारियों की जिला चिकित्सालय में एक दिवसीय ट्रेनिंग आयोजित की गई। इस दौरान जिले के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, ग्रामीण चिकित्सा अधिकारियों समेत जिला स्तर के चिकित्सकों को कोरोना वैक्सीनेशन की ट्रेनिंग दी गई।
ट्रेनिंग में डॉ. दीपक मिरे द्वारा कोविड-19 टीकाकरण के अंतर्गत Anaphylaxis और AEFI(Adverse events following immunization) के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने जानकारी दी कि कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीनेशन एक प्रभावी माध्यम है। डॉ. मिरे ने बताया,“वैक्सीनेशन के बाद किसी भी प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव नजर आने पर जांच कर उचित उपचार की व्यवस्था की जायेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry Of India) के मुताबिक वोटर लिस्ट के आधार पर तैयार सूची के जरिए वैक्सीनेशन किया जाएगा। वहीं, पोलिंग बूथ की तर्ज पर तैयार वैक्सीन बूथों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है।जिले में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों, स्टाफ नर्स, सुपरवाइजर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है”।
हर वैक्सीनेशन बूथ पर होगी यह तैयारी :
ट्रेनर डॉ. मिरे ने बताया, “ऑब्जर्वेशन रूम वो जगह होगी जहां टीका लगवाने के बाद हितग्राहियों को 30 मिनट इंतजार करना होगा। इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा भी रहेगी। टीकाकरण यानी वैक्सीनेशन के बाद 30 मिनट निगरानी में रहना होगा, ताकि यह देखा जा सके कि व्यक्ति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ा। वैक्सीनेशन के लिए आए 100 लोगों पर 5 सदस्यों की टीम रहेगी। वहीं अगर लोगों की संख्या 100से ज्यादा हुई तो अतिरिक्त स्टाफ को लगाया जाएगा। वहीं वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई बुरा प्रभाव दिखेगा तो इसके लिए Anaphylaxis kits का भी इंतजाम किया गया है। वैक्सीनेशन केंद्र में मोबाइल एंबुलेंस भी रहेगी, ताकि किसी को जरूरत पड़ने पर तुरंत अस्पताल भी शिफ्ट किया जा सके। उन्होंने बताया, एनाफिलेक्सिस (एनाफिलेक्सिस) के लक्षण अचानक होते हैं और तेजी से प्रकट होते हैं हैं।
क्या है एनाफिलेक्सिस एलर्जी?
एनाफिलेक्सिस एक एलर्जी होती है जिसका तुरंत इलाज किया जाना बेहद ज़रूरी होता है। यह तेजी से विकसित होती है और फैलती है।इस एलर्जी से ज़्यादातर लोग आसानी से ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन डॉक्टर को पहले उन दवाइयों के बारे में अवश्य बताना चाहिए जिनसे आपको एलर्जी है। एनाफिलेक्सिस से पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है।
मोबाइल एसएमएस से मिलेगी वैक्सीनेशन साइट की जानकारी
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ शरद कोहाड़े ने बताया, “कोरोना वायरस को मात देने के लिए प्रथम चरण में 5,126 सरकारी व प्राइवेट हेल्थ वर्करों को वैक्सीन दी जाएगी। जिले में टीकाकरण के लिए 26 वैक्सीन कोल्ड चैन पाइंट बनाए गए हैं। वैक्सीन लगाने के लिए जिला प्रशासन ने 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक जिला व सिविल अस्पताल सहित कुल 26 वैक्सीनेशन साइट बनाए हैं जहां से कोल्ड चैन पाइंट नजदीक है। वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर्ड फोन नंबर पर एसएमएस के जरिए जानकारी दे दी जाएगी कि आपको किस समय वैक्सीन बूथ पर पहुंचना है। इस वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए Co-WIN नाम से एक पोर्टल बनाया गया है। जिसके जरिए वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी।